सीरिया पर हमला: अमेरिका ने की तुर्की पर कड़ी कार्रवाई, ट्रंप बोले- कर देंगे बर्बाद
तुर्की लगातार सीरिया में बमबारी कर रहा है। अब अमेरिका ने तुर्की को कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की को पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर उसने अपना हमला नहीं रोका तो वह उसे बर्बाद कर देंगे।
नई दिल्ली: तुर्की लगातार सीरिया में बमबारी कर रहा है। अमेरिका ने एक बार फिर तुर्की को कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की को पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर उसने अपना हमला नहीं रोका तो वह उसे बर्बाद कर देंगे।
अब डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। अमेरिका ने तुर्की के लिए स्टील टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी है। साथ ही 100 मिलियन यूएस डॉलर की डील को खत्म कर दिया है।
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बता दें कि अमेरिकी ने सीरिया से अपने सैनिकों वापस बुला लिया है। इसके बाद तुर्की ने कुर्दिश लड़ाकों पर हमला करना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही सीरिया के कुछ इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश भी की है। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की को कड़ी चेतावनी दी थी।
तुर्की पर कार्रवाई वाले आदेश पर ट्रंप ने साइन कर दिए हैं। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने तुर्की के रक्षा मंत्री, आतंरिक मंत्री और ऊर्जा मंत्री को सैंक्शन लिस्ट में डाल दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को चिट्ठी लिखकर तुर्की के मामले को नेशनल इमरजेंसी बताया है।
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डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के द्वारा तुर्की पर जो कार्रवाई की गई है, उससे उन्हें बड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि तुर्की मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है। सीरिया की शांति-सुरक्षा भंग करने का काम रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने फिर चेतावनी दी है और कहा कि अगर तुर्की नहीं रुका तो वह उसकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगे।
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अमेरिका ने की ये बड़ी कार्रवाई
अमेरिका ने तुर्की के जिन नेताओं, मंत्रियों, बिजनेसमैन को सैंक्शन लिस्ट में डाला है उन्हें अमेरिका में एंट्री भी नहीं मिल पाएगी। इस आदेश में वित्तीय सैंक्शन के अलावा, प्रॉपर्टी को जब्त करना, अमेरिका में नो एंट्री, 100 बिलियन यूएस डॉलर की डील पर रोक शामिल है।
बता दें कि कुर्दिश लड़ाकों ने अमेरिकी सेना का ISIS के खिलाफ जंग में साथ दिया था और इसके अलावा बॉर्डर पर तुर्की की सेना के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों साथ थे। भारत ने भी तुर्की के इस हमले का विरोध किया था और सैन्य कार्रवाई को रोकने की बात कही थी।