पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज, मच रहा रोटी पर हाहाकार, लाचार है इमरान सरकार
पाकिस्तान में टमाटर और जरूरी सब्जियों की कमी के बाद अब रोटी भी मारा मारी हो गई है। देश में गेहूं के आटे की कमी के चलते खराब हालातों पर कई कदम उठाने के बाद सोमवार को पीएम इमरान खान ने आटे की आपूर्ति में कमी से राहत देने के लिए तीन लाख टन गेहूं के आयात को मंजूरी दी है।
करांची: पाकिस्तान में टमाटर और जरूरी सब्जियों की कमी के बाद अब रोटी भी मारा मारी हो गई है। देश में गेहूं के आटे की कमी के चलते खराब हालातों पर कई कदम उठाने के बाद सोमवार को पीएम इमरान खान ने आटे की आपूर्ति में कमी से राहत देने के लिए तीन लाख टन गेहूं के आयात को मंजूरी दी है।
बता दें कि पाकिस्तान में आटे और ब्रेड की कीमतें पिछले सप्ताह तक दुकानों और थोक बाजारों से गायब होने के चलते बढ़ गई थीं। ब्रेड निर्माताओं ने भी बढ़ती कीमतों के बावजूद सरकार द्वारा नियंत्रित दामों पर बेचने के दबाव के विरोध में बाजार बंद कर दिया था। प्रधानमंत्री इमरान खान ने राज्य सरकारों को खाने की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी पर लगाम कसने का आदेश दिया, लेकिन हालात और विकट होते चले गए।
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सोमवार से ढाबे और रेस्त्रां के मालिक हड़ताल पर चले गए। इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी में एक दुकानदार ने इन हालातों पर कहा, यदि वे महंगे दामों पर आटा खरीदते है तो आठ रुपये में रोटी बेचना संभव नहीं है। हालांकि पाक सरकार ने तीन लाख टन गेहूं आयात को मंजूरी दी है लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान किस देश या देशों से यह आयात करेगा।
पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद से गैस की कीमतें भी कई बार बढ़ चुकी हैं। कारोबारियों ने अनुमान लगाया कि उनके गैस संचालित ओवन के लिए बजट चार गुना तक बढ़ चुका है। उधर, पाकिस्तान के ऊर्जा मूल्य नियामक ने एक और बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। दूसरी तरफ आटा अलग से महंगा हो चुका है। ऐसे में नियंत्रित दामों पर रोटी की बिक्री असंभव हो गई है।
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एक खबर मुताबिक, इमरान सरकार को आटे की कीमत कम करने के लिए देश के व्यापारी समुदाय ने पांच दिनों का अल्टीमेटम दिया है। सिंध प्रांत में मौजूदा संकट के लिए इमरान सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की गई। इस बीच पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सचिव हाशिम पोपलजई आटे की बढ़ती कीमतों के लिए ट्रांस्पोर्टरों की हड़ताल को जिम्मेदार ठहराया।
विपक्ष के नेता ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछली फसल में खराब पैदावार के बाद भी गेहूं का निर्यात किया। इसका कोई अर्थ नहीं था। उन्होंने प्रतिबंध के बावजूद गेहूं का निर्यात करने की जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया, इस निर्यात में किसी ने अरबों कमाए किसी ने करोड़ों। मुझे संदेह है कि गेहूं का संकट एक घोटाले का परिणाम भी हो सकता है।