पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार, महिलाओं को चीन में बेच रही सरकार

अमेरिका राजनयिक ने पोल खोलते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाई और हिंदू महिलाओं को चीन में दुल्हन बनने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति अच्छी नहीं है।

Update: 2020-12-09 11:58 GMT
अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है। हिंदु और ईसाई महिलाओं को चीन में दुल्हन बनने के लिए मजबूर किया जाता है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों(हिंदू और ईसाईयों) के खिलाफ अत्याचार चरम है। अब अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान की पोल खोल कर रख दी है। क्योंकि इमरान खान बार-बार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दावा करते हैं। इसके बाद दुनियाभर में पाकिस्तान की किरकिरी हुई है।

अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा है कि पाकिस्तान में वहां की सरकार धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है, तो वहीं भारत में ऐसी बातें सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ही सिर्फ दिखती हैं। अमेरिकी राजनयिक ने एक सवाल के जवाब में यह बातें कहीं। उनसे सवाल किया गया था धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन में पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाला गया है, तो वहीं भारत को इससे बाहर रखा गया है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति अच्छी नहीं

अमेरिका राजनयिक ने पोल खोलते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाई और हिंदू महिलाओं को चीन में दुल्हन बनने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति अच्छी नहीं है। धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जाता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया था। अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन समेत आठ अन्य देशों को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के आरोप में चिंताजनक देशों की लिस्ट में डाल दिया था।

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यूएससीआइआरएफ ने की थी सिफारिश

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआइआरएफ) ने विदेश विभाग से सिफारिश की थी। यूएससीआइआरएफ ने भारत को भी चिंताजनक देशों की लिस्ट में डालने की सिफारिश की थी, लेकिन विदेश विभाग ने उनकी इस सिफारिश को मानने से इंकार कर दिया। बता दें कि भारत यूएससीआइआरएफ की वार्षिक रिपोर्ट में देश के खिलाफ की गई टिप्पणियों को पहले ही खारिज कर दिया है।

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विदेश मंत्रालय ने पूछ गए सवाल में कहा था कि भारत के खिलाफ आयोग की पक्षपाती टिप्पणियां नई नहीं हैं, लेकिन उसने इस बार गलत व्याख्या की सभी सीमाएं पार कर दिया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि हम अमेरिकी आयोग को विशेष चिंता का संगठन का मानते हैं। उसी के मुताबिक उसके साथ व्यवहार किया जाएगा।

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गौरतलब है कि पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यकों की लड़कियों के अपहर और धर्मपरिवर्तन कर जबरन शादी करने का मामला सामने आता है। अब सूची में शामिल किए जाने के बाद पाकिस्तान की पोल खुल गई है।

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