वर्जिन ऑर्बिट का कमाल, उड़ते हवाई जहाज की विंग से अतंरिक्ष में छोड़ा रॉकेट
कंपनी चाहती है कि वह लोगों को पृथ्वी के वायुमंडल से और ऊपर 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाकर भारहीनता और अंतरिक्ष की सैर कराने का अनुभव दिला सकते हैं।
नई दिल्ली : अमेरिका ने अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास रच दिया। अमेरिका के अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी ने वर्जिन गैलेक्टिन ने रविवार को वर्जिन ऑर्बिट नाम के स्पेसयान का सफल परीक्षण किया। बता दें कि आने वाले समय में आम इंसान भी धरती की कक्षा यानि अंतरिक्ष में घूमकर आ सकते हैं।
वर्जिन ऑर्बिट मिशन
वर्जिन गैलेक्टिन के वर्जिन ऑर्बिट मिशन के तहत लांचर वन को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने का टारगेट था जो कि अमेरिका ने रविवार को पूरा करने के साथ इतिहास भी रच दिया था।अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से वर्जिन गैलेक्टिक ने अपना स्पेसयान लांच किया। इस कंपनी का उद्देश्य है कि वह अगले कुछ सालों में दुनिया के लोगों को पृथ्वी की कक्षा की सैर करवाए।
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मोजावे एयर एंड स्पेस
वर्जिन गैलेक्टिक ने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से अपना स्पेसयान लॉन्च किया। कंपनी का मकसद है कि वह अगले कुछ सालों में लोगों को पृथ्वी की कक्षा की यात्रा कराए। इसके लिए कंपनी लगातार पिछले 4-5 सालों से प्रयास कर रही है। पिछले साल मई में इसने अपने स्पेसयान को ऑर्बिट में भेजा था लेकिन बूस्टर में दिक्कत आने की वजह से लॉन्च सफल नहीं रहा है।
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35 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया गया
रविवार को वर्जिन ऑर्बिट अंतरिक्षयान को कॉस्मिक गर्ल नामके कैरियर प्लेन के नीचे लगाकर धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया गया। इसके बाद 70 फीट लंबा वर्जिन ऑर्बिट जिसे वैज्ञानिकों ने लॉन्चर वन का नाम दिया है। वह प्लेन से अलग होकर अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा की यात्रा पर निकल गया।दुनिया में स्पेसएक्स के बाद वर्जिन गैलेक्टिक ये उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी निजी कंपनी होगी। कंपनी चाहती है कि वह लोगों को पृथ्वी के वायुमंडल से और ऊपर 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाकर भारहीनता और अंतरिक्ष की सैर कराने का अनुभव दिला सकते हैं।