Workers Protest in Qatar: कतर में वेतन न मिलने से परेशान मजदूरों ने किया प्रदर्शन, सजा के तौर पर देश से निकाला

Workers Protest In Qatar: कतर में कई महीनों से वेतन न मिलने से परेशान मजदूरों को विरोध प्रदर्शन की सज़ा देश निकाले के रूप में दी गई है। इन मजदूरों में कई भारतीय शामिल हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-08-23 09:09 GMT

Workers protest in Qatar (Social Media)

Workers Protest In Qatar: कतर में कई महीनों से वेतन न मिलने से परेशान मजदूरों को विरोध प्रदर्शन की सज़ा देश निकाले के रूप में दी गई है। इन मजदूरों में कई भारतीय शामिल हैं। कतर ने हाल ही में कम से कम 60 विदेशी श्रमिकों को गिरफ्तार किया था जो महीनों से वेतन न मिलने का विरोध कर रहे थे।

लंदन स्थित एक्विडम नामक श्रम अधिकार संगठन (Labor Right Organization) ने बताया है कि भारत, नेपाल, इजिप्ट, बांग्लादेश और फिलीपींस के मजदूरों को वापस उनके देश भेज दिया गया है। कतर की राजधानी दोहा में ठीक तीन महीने बाद 2022 फीफा विश्व कप होना है और उसकी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। खाड़ी के अन्य अरब देशों की तरह, कतर विदेशी श्रम पर निर्भर है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के हजारों लोग कतर में काम करते हैं।

फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup 2022) जैसे बड़े आयोजन के लिए दोहा में बड़े पैमाने पर निर्माण तथा अन्य काम चल रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी मजदूर काम करते हैं। पहले भी कई आरोप लग चुके हैं कि मजदूरों को बहुत विषम हालातों में काम करना पड़ता है, समय से वेतन नहीं मिलता और रहने इत्यादि के इंतजाम बहुत खराब हैं।

14 अगस्त को किया था प्रदर्शन

ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो फोटेज से पता चलता है कि श्रमिकों को अल बंडरी इंटरनेशनल ग्रुप के दोहा कार्यालयों के बाहर 14 अगस्त को विरोध प्रदर्शन किया था और सड़क जाम कर दी थी। मजदूरों का कहना था कि उनमें से कुछ को सात महीने से वेतन नहीं मिला है। प्रदर्शनकारियों ने अल शौमौख टॉवर के सामने दोहा की सी रिंग रोड पर एक चौराहे को अवरुद्ध कर दिया।

फर्म ने वेतन का भुगतान नहीं किया है: कतरी सरकार

कतरी सरकार (Qatari government) ने स्वीकार किया है कि फर्म ने वेतन का भुगतान नहीं किया है और श्रम मंत्रालय प्रभावित लोगों को सभी विलंबित वेतन और लाभ का भुगतान करेगा। बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें एक हिरासत केंद्र में रखा, जहां एयर कंडीशनिंग तक नहीं थी। इस सप्ताह दोहा का तापमान लगभग 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

कतर ने पहले विदेशी श्रमिकों को प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार करके किया निर्वासित

हिरासत में लिया गए एक मजदूर ने डिटेंशन सेंटर से इक्विडम को बताया कि बांग्लादेश, मिस्र, भारत, नेपाल और फिलीपींस के 300 से अधिक मजदूर वहां रखे गए थे। अन्य खाड़ी अरब देशों की तरह, कतर ने भी पहले विदेशी श्रमिकों को प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार करके निर्वासित किया है।

वाशिंगटन स्थित एडवोकेसी ग्रुप फ्रीडम हाउस के अनुसार, कतर में यूनियनों को कसकर नियंत्रित किया जाता है और ये यूनियनें केवल कतरियों के लिए उपलब्ध होती हैं। पिछले साल, कतर ने एक केन्याई सुरक्षा गार्ड को हिरासत में लिया और बाद में निर्वासित कर दिया। उसका कसूर ये था कि उसने देश के प्रवासी श्रम बल के बारे में सार्वजनिक रूप से लिखा और बात की थी। चूंकि फीफा ने 2010 में कतर को टूर्नामेंट से सम्मानित किया, इसलिए देश ने देश की रोजगार प्रथाओं को खत्म करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इसमें इसकी तथाकथित कफला रोजगार प्रणाली को समाप्त करना शामिल है। कतर ने श्रमिकों के लिए 1,000 कतरी रियाल (275 डॉलर) का न्यूनतम मासिक वेतन भी नियत किया है।

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