Babul Supriyo joins TMC: बाबुल को पार्टी में लेकर ममता ने किया एक और बड़ा स्कोर

बाबुल के इस कदम को पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के एक और बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि हाल के दिनों में कई भाजपा नेता टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए सुप्रियो ने दुखी हो कर भाजपा छोड़ दी थी।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Ashiki
Update:2021-09-18 16:37 IST

 बीजेपी छोड़ बाबुल सुप्रियो TMC में शामिल हुए (Photo- Social Media)

लखनऊ: पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े नेता बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने राजनीति से रिटायरमेंट की घोषणा के चंद हफ्तों बाद फिर राजनीतिक जिंदगी में वापसी कर दी है। अब वे ममता बनर्जी की शरण में तृणमूल कांग्रेस में चले आये हैं। बाबुल को अच्छी तरह पता था कि उनको अगर राजनीति में रहना है तो तृणमूल ही सहारा दे पाएगी। बंगाल में अन्य किसी दल में जाने का मतलब नहीं था और भाजपा में वह पूरी तरह दरकिनार किये जा चुके थे।

बाबुल के इस कदम को पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के एक और बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि हाल के दिनों में कई भाजपाई नेता टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए सुप्रियो ने दुखी हो कर भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने राजनीति से संन्यास की भी घोषणा की थी। 


बाबुल सुप्रियो को बंगाल का हेवीवेट भाजपा नेता माना जाता था इसीलिए भाजपा उनको काफी भाव देती थी। लेकिन बंगाल के विधानसभा चुनाव में बाबुल कुछ कर नहीं पाए। चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद से ही बाबुल सुप्रियो पर संकट घिरने लगा था। इसके बाद जब मोदी ने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया तो बाबुल भी बाहर कर दिए गए। इसके बाद से ही लग रहा था कि अब बाबुल भाजपा में टिकने वाले नहीं हैं। बंगाल में बाबुल खुद जिस लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। उस क्षेत्र में पड़ने वाली विधानसभा सीटों में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा था। बाबुल खुद टॉलीगंज से हार गए थे। सुप्रियो ने अपनी करारी हार के लिए तृणमूल कांग्रेस की गुंडागर्दी को जिम्मेदार बताया था। बताया जाता है कि बाबुल को भाजपा की अंदरूनी राजनीति का भी शिकार होना पड़ा। पश्चिम बंगाल के कुछ नेताओं को इस बात का मलाल रहता था कि बाबुल सुप्रियो को केंद्र में उनके हिसाब से कुछ ज्यादा ही बड़ा कद और पद मिला हुआ है।

टीएमसी को फायदा

बाबुल के तृणमूल में आने से पार्टी ने भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गोल स्कोर कर दिया है। तृणमूल में जिस तरह भाजपा छोड़ कर नेताओं के आने का सिलसिला चल रहा उससे तृणमूल लोगों में यह संदेश दे रही है कि बंगाल में उसी का सिक्का चल रहा है। भाजपा एक आउटसाइडर पार्टी है। तृणमूल इसे भवानीपुर उपचुनाव के अलावा अन्य राज्यों, खासकर त्रिपुरा के चुनाव में भुनायेगी। इसी कड़ी में बाबुल को ममता ने अपनी पार्टी में जगह दी है।


बाबुल का सफर

राजनीति में आने से पहले बाबुल सुप्रियो ने कुछ दिन स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में काम किया फिर संगीत को फुलटाइम कैरियर अपना लिया। वे बॉलीवुड में फिल्मों के लिए पार्श्वगायन करने लगे।.एक सफल गायक के रूप में जम भी गए। उन्होंने भाजपा जॉइन करके 2014 में राजनीति में प्रवेश किया और 2014 के लोकसभा चुनावों में अपना पहला चुनाव आसनसोल से जीता। बाबुल को बाद में शहरी विकास मंत्रालय, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था। बाद में उनको भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय दिया गया।

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