RG Kar Rape-Murder: 'आपने मेरा अपमान किया,' CM आवास पर डॉक्टरों से बोलीं ममता, लाइव स्ट्रीम से इनकार

RG Kar Rape-Murder: सीएम ममता बनर्जी के आवास पर मुलाकात करने के लिए शनिवार शाम छह बजे 15 जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए पहुंचा। डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर सीएम आवास पर बैठक में शामिल हुआ।

Newstrack :  Network
Update:2024-09-14 20:18 IST

RG Kar Rape-Murder (सोशल मीडिया) 

RG Kar Rape-Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्तपाल में हुए जूनियर महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में डॉक्टर्स का आक्रोश का खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जहां देश के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर्स करीब 11 दिनों की हड़ताल के बाद काम पर वापस लौट आए हैं तो वहीं, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स अभी भी हड़लात पर बैठे हैं। घटना के पहले दिन से ये डॉक्टर्स अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कड़ी धूप और बारिश के बीच धरने पर बैठे हैं। कई दिनों से जारी डॉक्टरों के धरने को देखते हुए एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को अपने आवास पर मामले के समाधान के लिए बुलाया है। इससे पहले भी डॉक्टरों को बैठक के लिए बुलाया था, मगर प्रसारण की मांग को लेकर यह बैठक नहीं हो सकी थी। 

दूसरी बार भी बैठक रही विफल

सीएम ममता बनर्जी के आवास पर मुलाकात करने के लिए शनिवार शाम छह बजे 15 जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए पहुंचा। डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर सीएम के आवास पर बैठक में शामिल हुआ। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत, डीजी राजीव कुमार, प्रधान सचिव एवं स्वास्थ्य नारायण स्वरूप निगम और सरकार की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य सरकरा भी मौजूद रहे। हालांकि सीएम और डॉक्टरों के बीच दूसरी बार भी बैठक विफल रही। इस बैठक को लेकर सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया। डॉक्टर सीएम आवास से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए वहां से चले गए।  

लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़े डॉक्टर 

ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से इस दौरान उनसे सवाल-जवाब किए। इस बैठक को लेकर भी प्रदर्शनकारी डॉक्टर लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़े रहे, जिस पर सीएम सहमत नहीं हुईं। इसके बाद डॉक्टरों ने यह भी अनुरोध किया कि बैठक को रिकॉर्ड करने के लिए मुख्यमंत्री के परिसर में एक वीडियोग्राफर को जाने की अनुमति दी जाए, मगर सीएम ने ये भी बात नहीं मानी। टीएमसी सुप्रीमो ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड रखने से इनकार करने के लिए इस मामले में चल रही सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का हवाला दिया।

ममता ने कहा कि चूंकि आरजी कर का मामला अदालत में है, इसलिए हम लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति नहीं दे सकते। वहीं, मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को लाइव स्ट्रीमिंग के बिना बैठक में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। सीएम ने डॉक्टरों से कहा कि सरकार बैठक का वीडियो रिकॉर्ड कर सकती है, लेकिन इसको दिया नहीं जाएगाा। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेने के बाद ही वीडियो प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को सौंपा जाएगा।  ममता ने डॉक्टरों से ये भी कहा कि आपकी सभी मांगों  ध्यान नहीं दिया जा सकता है। 

ममता ने आवास पर डॉक्टरों को लगाई फटकार 

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे किसी ऐसे मामले पर चर्चा करने के लिए सीएम आवास पर नहीं आए हैं, जो 'न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम उन्हें केवल एक कप चाय के लिए बुलाया है।  ममता ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि आपने उनका ‘अपमान’ किया है, क्योंकि ममता बजर्नी ने  14 सितंबर को बैठक का अनुरोध किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था, जिस पर सीएम ने उन्हें फटकार लगाई। 

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को देखते हुए सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें बारिश में भीगने से मना किया, उन्होंने उन्हें कपड़े दिए। उन्होंने डॉक्टरों से यह भी पूछा कि वे उनके घर के आसपास सुरक्षा बलों द्वारा दिए जा रहे छाते का उपयोग क्यों नहीं कर रहे हैं।

दोपहर को डॉक्टरों से मिलीं ममता

इस बैठक से पहले सीएम बजर्नी ने शनिवार दोपहर स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टरों के विरोध स्थल का दौरा किया, जहां उन्होंने डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर ध्यान देंगी और उन्हें पूरा करने का प्रयास करेंगी। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को संबोधित मुख्यमंत्री ने कहा कि वह रात में भी चैन से सो नहीं पा रही हैं,क्योंकि आप लोग (डॉक्टर) बारिश के बीच सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया और कहा, "मैं आपसे काम पर लौटने का अनुरोध करती हूं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। मैं अकेले सरकार नहीं चलाती, मैं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपकी मांगों का अध्ययन करके निश्चित रूप से समाधान ढूंढूंगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा।

पीड़िता की मां का बयान 

मृतक डॉक्टर की मां ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि सीएम जूनियर डॉक्टरों की पांच मागों को मान लें और समाधान खोजे। मैं देख रही हूं कि प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सभी इसमें दोषी हैं। उनकी मांगें मानकर जल्द समाधान चाहते हैं।

ये हैं पांच सूत्रीय मांगें

नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के लिए और सबूत नष्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा

मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम का इस्तीफा

स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करना

सरकारी अस्पतालों में 'धमकी देकर काम कराने की संस्कृति' को खत्म करना

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