क्या बंगाल में टूट गई संयुक्त मोर्चा? पीरजादा बोले-कांग्रेस के खिलाफ उतारूंगा कैंडिडेट
बंगाल के हुगली में फुरफुरा शरीफ का विख्यात दरगाह है। दक्षिण बंगाल में इस दरगाह का विशेष दखल है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के दौरान इसी दरगाह की मदद से ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे।
कोलकाता: बंगाल में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से सियासी उठापठक जारी है। हर पल राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है।
ब्रिगेड मैदान की रैली के 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस, वाममोर्चा और लेफ्ट का गठबंधन टूट गया है। इंडियन सेकुलर फ्रंट के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस के खिलाफ कैंडिडेट उतारने की बात कही है।
पीरजादा ने कहा है कि हम उन सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे, जो हमारी मांग में शामिल है। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के इस बयान के बाद राज्य में संयुक्त मोर्चा के भीतर सियासी हलचल तेज हो गई है।
एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम लेफ्ट के साथ गठबंधन में है। मैं उन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारूंगा, जिनपर लेफ्ट के कैंडिडेट होंगे। पीरजादा ने आगे कहा कि मैं इसके अलावा सभी सीटों पर आईएसएफ का प्रत्याशी खड़ा करूंगा।
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ममता बनर्जी को चुनाव जिताने में निभाई थी बड़ी भूमिका
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की उम्र 34 साल हैं और पहले उनकी गिनती पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी लोगों में होती थी। हालांकि कुछ वक्त से सिद्दीकी ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं और टीएमसी का विरोध भी कर रहे हैं।
उन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। पीरजादा फुरफुरा शरीफ दरगाह के संस्थापक भी हैं।
बंगाल के हुगली में फुरफुरा शरीफ का विख्यात दरगाह है। दक्षिण बंगाल में इस दरगाह का विशेष दखल है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के दौरान इसी दरगाह की मदद से ममता ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे दो बड़े आंदोलन किए थे।
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है। पश्चिम बंगाल की सियासत में 31 फीसदी वोटर्स मुस्लिम हैं।
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पीरजादा जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह के प्रमुख हैं, उसका 100 सीटों पर है प्रभाव
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी एक समय ममता बनर्जी के मुखर समर्थक थे। मगर बीते कुछ महीनों से उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
सिद्दीकी ममता बनर्जी की सरकार पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं। बंगाल की करीब 100 सीटों पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का प्रभाव है।
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी 21 जनवरी को नई पार्टी बनाने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में दरगाह के प्रमुख नई पार्टी बनाकर ममता बनर्जी के अलावा बीजेपी समेत कई अन्य दलों का सियासी खेल बिगाड़ सकते हैं। ममता बनर्जी के लिए पीरजादा की नाराजगी मोल लेना चुनाव में घाटे का सौदा साबित हो सकती है।
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