Mamata Banerjee Mission Goa: ममता बनर्जी का मिशन गोवा, पांच दिनों तक डालेंगी डेरा, बंगाल के बाद भाजपा को गढ़ में झटका देने की तैयारी
Mamata Banerjee Mission Goa: ममता बनर्जी का आज से गोवा का पांच दिवसीय दौरा भाजपा के खिलाफ बड़े मिशन का हिस्सा माना जा रहा है। ममता के दौरे को कामयाब बनाने के लिए उनकी पार्टी की ओर से पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रही हैं।
Mamata Banerjee Mission Goa: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal Ke Mukhyamantri) और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) अब गोवा में भाजपा (BJP) को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुटी हुई हैं। ममता का आज से गोवा का पांच दिवसीय दौरा (Mamata Banerjee Ka Goa Daura) भाजपा के खिलाफ बड़े मिशन का हिस्सा माना जा रहा है। ममता के दौरे (Mamata Banerjee Ka Daura) को कामयाब बनाने के लिए उनकी पार्टी की ओर से पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रही हैं।
पश्चिम बंगाल में भाजपा को जबर्दस्त झटका देने के बाद अब ममता की नजरें गोवा पर टिकी हुई हैं। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले गोवा में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav 2022) होने हैं और इस चुनाव में तृणमूल की कामयाबी के लिए मजबूत सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश की जा रही है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की टीम भी इस काम में तृणमूल की मदद कर रही है। ममता के दौरे से पहले गोवा में जगह-जगह उनके बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं।
अन्य राज्यों में विस्तार की तैयारी
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Chunaav) में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के बाद ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं। अब उन्होंने ऐसे राज्यों पर फोकस कर रखा है जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav) होने हैं। ममता के चुनाव जीतने के बाद उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने अन्य राज्यों में तृणमूल कांग्रेस के विस्तार (Trinamool Congress Ka Vistar) की घोषणा की थी।
इस घोषणा के बाद अन्य राज्यों के साथ गोवा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ममता बनर्जी का पांच दिवसीय गोवा मिशन (Goa Mission) आज से शुरू हो रहा है और इसे कामयाब बनाने के लिए पिछले एक महीने से तैयारियां की जा रही हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक (I-PAC) के 200 लोग गोवा में तृणमूल की सियासी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। ममता के पांच दिवसीय दौरे में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और पार्टी को मजबूत बनाने पर गहन चर्चा भी की जाएगी।
ममता को दिख रहा बड़ा मौका
दरअसल राज्य में कांग्रेस के कमजोर होने से ममता को तृणमूल के लिए बड़ा मौका दिख रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बावजूद पार्टी सरकार बनाने में कामयाब नहीं रही और 13 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने सरकार बना ली थी।
अब तो कांग्रेस की स्थिति और भी खराब हो चुकी है और पार्टी के 10 विधायक इस्तीफा देकर दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में ममता यहां भाजपा को चुनौती देने के लिए कांग्रेस की खाली जगह को भरना चाहती हैं। ममता गोवा में चुनावी कामयाबी हासिल करके खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ सबसे ताकतवर विपक्ष का चेहरा साबित करने की कोशिश में लगी हुई है।
कांग्रेस को बड़ा झटका देंगी ममता
ममता की पार्टी की ओर से काफी दिनों से कांग्रेस के नाराज नेताओं को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सात बार के विधायक लुइजिन्हो फलेरियो ने पिछले दिनों कोलकाता जाकर टीएमसी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। पार्टी की ओर से उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा चुका है। निर्दलीय विधायक शशिकांत गांवकरी ने भी टीएमसी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। भाजपा विरोधी नेताओं पर भी टीएमसी ने नजरें गड़ा रखी हैं और उन्हें तोड़ने की कोशिश की जा रही है। ममता की इस मुहिम से खास तौर पर कांग्रेस को झटका लगने की संभावना जताई जा रही है।
गोवा दौरे से पहले किए गए ट्वीट में ममता ने भाजपा के खिलाफ सभी लोगों और पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है। टीएमसी ने भाजपा सरकार पर कुशासन का आरोप लगाते हुए बड़ा हमला भी बोला है। पार्टी का कहना है कि गोवा के लोग पिछले दो दशक से भाजपा के कुशासन से परेशान हैं मगर उन्हें अब जल्द ही इससे मुक्ति मिलने वाली है।
गोवा में रोमांचक मुकाबले की उम्मीद
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब टीएमसी ने गोवा में सियासी सक्रियता बढ़ाई है। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने राज्य की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे मगर उस चुनाव में पार्टी को किसी भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली थी। वैसे अब हालात बदल चुके हैं और ममता भी पहले से ज्यादा मजबूत हो चुकी हैं। राज्य में आम आदमी पार्टी भी खुद को मजबूत बनाने की कवायद में जुटी हुई है और इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल भी गोवा का दौरा कर चुके हैं।
उनके बाद अब ममता बनर्जी ने भी राज्य में सियासी सक्रियता बढ़ा दी है। गोवा के किसी बड़े नेता को टीएमसी की ओर से राज्यसभा में भेजने की भी तैयारी है। अब हर किसी की नजर ममता के पांच दिवसीय गोवा मिशन पर टिकी हुई है। गोवा में सभी दलों की बढ़ती सक्रियता के कारण चुनाव में रोमांचक मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।
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