Mamata Banerjee News: BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने पर ममता ने खोला मोर्चा, विधानसभा में पेश हुआ प्रस्ताव

Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ममता सरकार ने केंद्र के इस फैसले के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-11-16 14:15 IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।

Mamata Banerjee News in hindi: तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने बीएसएफ (BSF) का दायरा बढ़ाने के केंद्र सरकार (Central Government) के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केंद्र सरकार (Central Government) ने पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। ममता सरकार (Mamata Government) ने केंद्र के इस फैसले के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है।

विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) से दो-दो हाथ करने वाली ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) अब खुलकर इस प्रस्ताव के खिलाफ खड़ी हो गई हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार (Central Government) के इस फैसले को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ममता के इस रुख से राज्य सरकार और केंद्र के बीच टकराव के आसार पैदा होते दिख रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है जिसने इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

राज्य सरकार को फैसला स्वीकार नहीं

बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले के खिलाफ राज्य विधानसभा में ममता सरकार (Mamata Government) के मंत्री और वरिष्ठ टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने प्रस्ताव पेश किया। उनका कहना था कि पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) को केंद्र सरकार (Central Government) का यह फैसला स्वीकार नहीं है। पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने सरकार की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर डेढ़ घंटे की बहस की अनुमति दी है।

भारतीय जनता पार्टी की ओर से केंद्र सरकार (Central Government) के कदम का समर्थन किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से यह कदम उठाया गया है और पार्टी की ओर से विधानसभा में ममता सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया जाएगा।

ममता ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी

टीएमसी नेताओं की ओर से केंद्र सरकार (Central Government) के फैसले पर खुलकर विरोध जताया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने हाल में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। टीएमसी के सांसद सौगत राय के मुताबिक ममता ने अपनी चिट्ठी में केंद्र सरकार (Central Government) से इस प्रस्ताव कदम को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने इस कदम को राज्य सरकार की स्वायत्तता में हस्तक्षेप बताया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है और हमारी सरकार को यह फैसला स्वीकार नहीं है।

टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पार्टी की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी यह मामला उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र के दौरान पेगासस मुद्दे पर केंद्र सरकार (Central Government) को घेरा गया था और इस बार के सत्र में बीएसएफ ही मुद्दा होगा। जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे पर संसद में गतिरोध भी कायम होगा।

पंजाब सरकार भी केंद्र के फैसले के खिलाफ

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के अलावा पंजाब सरकार (Punjab Government) की ओर से भी केंद्र सरकार (Central Government) के इस कदम का व्यापक विरोध किया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) इस मुद्दे को केंद्र सरकार (Central Government) के समक्ष उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) का भी कहना है कि केंद्र सरकार (Central Government) का यह फैसला राज्य के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अविलंब इस फैसले को वापस लेना चाहिए।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा राज्य के अन्य सियासी दलों की ओर से भी इस पर विरोध जताया गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) और भाजपा (BJP) को छोड़कर सभी दल केंद्र सरकार (Central Government) के इस फैसले के खिलाफ हैं। हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) का कहना है कि पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी राज्यों से पैदा हुए खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाना जरूरी हो गया था।

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