Bihar: नीतीश सरकार बैकफुट पर, वापस लिया छुट्टियों में कटौती वाला आदेश, मचा था 'संग्राम'
Bihar School Holidays 2023: बिहार की नीतीश कुमार ने रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक कई त्योहारों पर सरकारी स्कूलों में छुट्टियों में कटौती की थी। कई दिनों के बवाल के आख़िरकार उस आदेश को निरस्त करना पड़ा।
Bihar School Holidays 2023: बिहार की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar govt) का शिक्षा विभाग शिक्षकों की छुट्टियां में कटौती की वजह से सुर्ख़ियों में रहा। कई दिनों तक मचे बवाल के बाद आख़िरकार नीतीश सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए। बिहार सरकार ने संबंधित आदेश को सोमवार (4 सितंबर) को निरस्त कर दिया। दरअसल, सितंबर से दिसंबर महीने तक छुट्टियों में बड़ी कटौती की गई थी।
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बिहार सरकार के इस कदम से सिर्फ शिक्षक समुदाय ही नहीं बल्कि राज्य के आम लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही थी। सोशल मीडिया पर मीम्स की भरमार लग गई। राजनीति कहां अछूता रहता। बिहार में जमकर राजनीति हुई, साथ ही साथ शिक्षक संघ ने भी अपना विरोध जताया। आख़िरकार, अब बिहार शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को रद्द करने से संबंधित आदेश को ही निरस्त कर दिया है।
रक्षाबंधन से जन्माष्टमी तक की छुट्टियां की थी रद्द
बिहार सरकार की छुट्टियों को रद्द करने संबंधित पहले के आदेश को विपक्षी पार्टियां खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 'तुष्टिकरण की राजनीति' से प्रेरित बताया था। गौरतलब है कि, पूर्व में जारी आदेश के अनुसार रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी (Janmashtami 2023 Date) तक की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया था। साथ ही साथ बिहार के सबसे बड़े पर्व छठ की चार दिनों की छुट्टियों को घटाकर 2 दिन कर दिया गया था। बता दें, छठ में चार दिनों तक पूजा-विधि होती है। नीतीश सरकार का ये फैसला सबसे ज्यादा गुस्से की वजह बना।
गिरिराज सिंह- शरिया कानून हो सकता है लागू
छुट्टियों को रद्द करने के फैसले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला था। केंद्रीय मंत्री सिंह का कहना था कि, 'बिहार में शरीयत कानून (Sharia law in Bihar) लागू हो सकता है। बिहार के शिक्षा विभाग ने दुर्गा पूजा (Durga Puja 2023), छठ (Chhath 2023) और दिवाली (Diwali 2023) पर छुट्टियां रद्द कर दीं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि बिहार में हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।'
छुट्टियों में भेदभाव का लगा आरोप
दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने साल के बचे हुए 5 महीनों के लिए छुट्टियों का कैलेंडर संशोधित किया था। जिसके तहत सितंबर से छुट्टियों को 22 दिनों से घटाकर महज 8 दिन कर दिया गया था। इसमें गुरु गोविंद सिंह जयंती भी शामिल था। गौरतलब है कि, बिहार में गुरु गोविंद सिंह की जयंती का खास महत्व है। नीतीश सरकार ने पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिवस को छुट्टियों में शामिल किया था, जो पहले नहीं हुआ करता था।
त्योहारों के लिए छुट्टियां कम करना 'अजीब' फैसला
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (Shatrughan Prasad Singh) ने नीतीश सरकार के इस फैसले को अजीब बताया था। उनका कहना था कि, दुर्गा पूजा और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के लिए छुट्टियां कम करना बड़ा 'अजीब फैसला' है। क्योंकि, ये ऐसे मौके होते हैं जब पूरा परिवार पूरी तरह व्यस्त रहता है। परंपरागत तौर पर, स्कूल कैलेंडर (school calendar) में महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान पर्याप्त छुट्टियां होती हैं। उन्होंने कहा, त्योहार समस्या नहीं हैं। समस्या ये है कि सरकार न्यूनतम सुविधाओं (minimum facilities) के साथ पूरे साल दुनिया भर में हर काम के लिए शिक्षकों को नियुक्त करती है। बावजूद उनसे काम पूरा करने की उम्मीद करती है।'