पुलिसकर्मी नहीं पी सकते शराब: सीएम का सख्त आदेश, पूरे राज्य में कानून लागू
बिहार के सभी पुलिसकर्मी शराब बंदी कानून के मजबूती से पालन के लिए शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसे में न वो खुद शराब पिएंगे और न पीने देंगे।
पटना: बिहार में शराबबंदी कानून जारी रहेगा और इसका सख्ती से पालन भी किया जाएगा। इसके लिए बिहार के तमाम पुलिसकर्मी शराब न पीने की शपथ लेंगे। दरअसल, कांग्रेस के दो बड़े नेताओं की मांग के बाद इस तरह की अटकलें लग रहीं थीं कि राज्य से शराब बंदी कानून खत्म हो जायेगा, हालंकि सरकार ने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कानून के सख्ती से पालन की तैयारी शुरू कर दी है।
शराब बंदी कानून पर नीतीश सरकार सख्त
दरअसल, बिहार के सभी पुलिसकर्मी शराब बंदी कानून के मजबूती से पालन के लिए शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसे में न वो खुद शराब पिएंगे और न पीने देंगे। शराब बंदी कानून के बावजूद राज्य में पुलिसकर्मियो के शराब पीने और अवैध कारोबार में शामिल होने की शिकायत पिछले कई दिनों से मिल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर पुलिस कर्मियों को इस कानून की याद दिलाई और इसके पालन के लिए आदेश दिए।
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21 दिसंबर को बिहार के सभी पुलिसकर्मी लेंगे शराब न पीने की शपथ
सीएम नीतीश के आदेश के बाद डीजीपी ने सभी जिलों के कप्तानों, रेल पुलिस कप्तानों को एडवाइजरी जारी कर इस बाबत निर्देशित किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि 9 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब प्रतिबंध को लेकर बैठक की थी। बैठक के दौरान सीएम ने निर्देश दिया है कि बिहार के सभी पुलिसकर्मी 21 दिसंबर को शऱाब न पीने की शपथ लेंगे। सभी पुलिसकर्मी इस दिन सुबह 11 बजे दफ्तर पहुँच कर शराब न पीने और न ही इसके कारोबार में शामिल होने की शपथ लेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने उठाई कानून खत्म करने की मांग
सीएम नितीश के आदेश को कांग्रेस के दो नेताओं की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा द्वारा बिहार में शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग की थी, जिसका सांसद अखिलेश सिंह ने भी समर्थन किया। उन्होंने सवाल किया कि बिहार में शराब कहां नहीं बिक रही है? बिहार में शराबबंदी कानून के कारण राजस्व की काफी क्षति भी हो रही है। अखिलेश सिंह ने आगे कहा कि अजीत शर्मा ने इसी परिपेक्ष्य में शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग रखी है।
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शराब बंदी कानून सिर्फ नाम मात्र:
वहीं भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिख कर इस कानून को खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। उस वक्त कांग्रेस पार्टी भी आपके साथ थी। तब पार्टी ने अच्छा काम समझकर आपका भरपूर समर्थन किया था, लेकिन साढ़े 4 सालों में देखने में आया कि शराबबंदी सिर्फ कहने को है, हकीकत में ये बिहार में लागू ही नहीं है। बल्कि यह अवैध धन अर्जन का एक साधन हो गया है।
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शराबबंदी कानन लागू होने के बावजूद भी बिहार में शराब का कारोबार फल फूल रहा है। आरोप है कि शराब के अवैध कारोबार में पुलिसकर्मी भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहते हैं।
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