Bihar News:अब बिहार में भी चाचा और भतीजे में जंग,हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच घमासान

Bihar News: 2024 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस दोनों की ओर से दावेदारी की गई है। चिराग पासवान अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान वे अपने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

Update: 2023-07-06 05:12 GMT
Clash between Chirag Paswan and Pashupati Paras, Bihar(Photo: Social Media)

Bihar Political News: महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में भी चाचा और भतीजे के बीच बड़ी सियासी जंग शुरू हो गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट को लेकर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस दोनों की ओर से दावेदारी की गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर पशुपति पारस को जीत हासिल हुई थी मगर अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान चिराग ने सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वे अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा चिराग और पशुपति पारस दोनों को एनडीए गठबंधन से जोड़ना चाहती है मगर दोनों के बीच शुरू हुई इस जंग ने भाजपा को भी मुश्किल में डाल दिया है।

पिता की विरासत पर चिराग की दावेदारी

दरअसल बुधवार को लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में चिराग पासवान ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान वे अपने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगे। इस लोकसभा सीट पर रामविलास पासवान का लंबे समय तक कब्जा रहा था।
चिराग पासवान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह लोकसभा सीट उनके पिता की विरासत है और वे इस विरासत को कभी नहीं छोड़ेंगे। चिराग पासवान के इस ऐलान से साफ हो गया है कि उन्होंने अगला चुनाव हाजीपुर सीट से ही लड़ने का मन बना लिया है। हाल के दिनों में वे इस लोकसभा क्षेत्र में खासे सक्रिय भी रहे हैं।

पशुपति पारस हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं

दूसरी ओर पशुपति पारस भी इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि 2019 में मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहता था मगर अपने भइया रामविलास पासवान के निर्देश पर मैं हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरा था। उस चुनाव में मैंने बड़ी जीत हासिल की थी। जब भइया ने 2019 के चुनाव में यह सीट चिराग पासवान को नहीं दी तो अब उनका इस सीट पर कोई दावा नहीं बनता है। उन्होंने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि अगला लोकसभा चुनाव वे इसी सीट से लड़ेंगे।
पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान ने खुद यह बात कही है कि मौजूदा समय में वे किसी गठबंधन में नहीं है। पारस ने दावा किया कि चिराग की एनडीए गठबंधन से कोई बातचीत नहीं हो रही है। उन्होंने भविष्य में चाचा और भतीजे के बीच एकता की संभावना को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यहां दल नहीं बल्कि दिल टूटा है। उन्होंने कहा कि बिहार में चाचा-भतीजे की लड़ाई महाराष्ट्र में चल रही चाचा-भतीजे की सियासी जंग से पूरी तरह अलग है।

चाचा-भतीजे की जंग से भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

चाचा और भतीजे के बीच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर पैदा हुआ यह विवाद आने वाले दिनों में भाजपा के लिए भी बड़ी मुश्किल बन सकता है। दरअसल दलित वोट बैंक का समीकरण साधने के लिए भाजपा चिराग और पशुपति पारस दोनों को एनडीए से जोड़े रखना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस दिशा में काम कर रहा है।
सियासी जानकारों का कहना है कि चाचा और भतीजा की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब भाजपा नेतृत्व को इस मामले में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस विवाद को सुलझाने में कहां तक कामयाब हो पाता है।

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