बैंक ग्राहक को झटका! जमा पैसों को लेकर भेजा गया नोटिस, कारोबारियों में मचा हड़कंप

Update: 2020-01-05 08:18 GMT

लखनऊ: मोदी सरकार के सबसे बड़े फैसलों में से एक नोटबंदी को भले ही 3 साल से ज्यादा का वक्त हो गया हो, लेकिन इसका असर आज भी देखने को मिल रहा है। दरअसल, काला धन वापस लाने की दिशा में उठाये गये इस कदम से कई लोगों ने अपनी नगदी बदलने के लिए बैंकों में जमा करवा दी थी। वहीं जानकारी के मुताबिक, इस दौरान ज्वैलरों ने अपनी नगदी बढ़ाने के लिए काफी तिगड़म लगाया था। अब सरकार के निर्देश पर बैकों में ज्यादा नकदी जमा करने वालों पर आयकर विभाग शिकंजा कंसने की तैयारी में है।

आयकर विभाग ने कारोबारियों को भेजा टैक्स डिमांड नोटिस:

दरअसल, आयकर विभाग ने नोटबंदी के तुरंत बाद बैकों में बहुत ज्यादा पैसे जमा करने वाले ज्वैलर्स को नोटिस भेजी है। विभाग ने ज्वेलर्स के बैंक खातों का आंकलन किया, जिसके बाद सराफा कारोबारियों को टैक्स डिमांड के नोटिस भेजे। वहीं आयकर विभाग की इस कार्रवाई से सराफा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। इस बाबत सराफा कारोबारी जल्द ही वित्त मंत्री निर्मला सितारामण से मुलाक़ात कर सकते हैं।

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नोटबंदी के तुरंत बाद ज्यादा नकदी जमा कराने को लेकर बड़ी कार्रवाई:

नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद ज्वैलरों ने बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा की। जिसके बाद आयकर विभाग ने बीते दो सालों में ज्वैलरों के खातों का आकलन किया। इस दौरान विभाग को पता चला कि नोटबंदी के तुरंत बाद कई ज्वैलरों ने सीमा से अधिक नकदी जमा कराई है। जिसके बाद विभाग ने ज्वैलरों को टैक्स नोटिस भेज दिया। वहीं आरोप है कि आयकर विभाग ने इतना ज्यादा टैक्स लगा दिया है कि उसका भुगतान नामुमकिन है।

यूपी में नोटिस प्राप्त कारोबारियों की ढाई हजार:

जानकारी के मुताबिक, देश भर में तीन लाख सराफा कारोबारी हैं। जिसमें मात्र यूपी के करीब ढाई हजार कारोबारियों को नोटिस भेजा गया है। वहीं दिल्ली में यूपी से भी ज्यादा संख्या में कारोबारियों को टैक्स डिमांड नोटिस भेजा गया है।

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वहीं कारोबारियों का इस बारे में कहना है कि दो लाख रुपये तक की बिक्री नकद में करने की छूट है। ज्वैलर लगभग एक किलोग्राम सोने की बिक्री आभूषणों के रूप में अलग-अलग वजन में कर लेता है। इस वजह से नकद कारोबार की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान ज्वैलरों ने पुरानी करेंसी में बड़ी मात्रा में बिक्री की थी। वहीं डिलीवरी किए बिना बिक्री दिखाने के भी कई मामले सामने आए।

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