2020 का खौफनाक दौर: सड़कों पर मीलों सफर तय करते मजदूर, इस बार हुए तैयार
कोरोना वायरस का दिन-प्रति-दिन पूरे देश पर अपना कहर बरपा रहा है। लगातार बन रहे हालातों से ऐसे कयास लगाए
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का दिन-प्रति-दिन पूरे देश पर अपना कहर बरपा रहा है। लगातार बन रहे हालातों से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी समय राज्य सरकारों की ओर से लॉकडाउन को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है। इन स्थितियों में पिछले साल के दिनों को याद करते हुए देश के दिल्ली, पुणे और मुंबई जहां कोरोना से आफत मची हुई है। वहां रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने अब घर वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। सामने आई रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन शहरों में मौजूद रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर बड़ी संख्या में मजदूर पहुंच रहे हैं। वहीं बिगड़ती स्थितियों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शाम 6.30 बजे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
पैदल ही मीलों का सफर
बीते साल 2020 का वो साल, जब कोरोना दौर में लॉकडाउन के दौरान अपने निवास की तरफ तप-तपाती धूप में बस चलते जा रहे थे। लॉकडाउन के समय बड़ी तादात में लोगों ने पैदल ही मीलों का सफर तय किया। न खाने को कुछ न कदम-कदम पर पीने को पानी बस वक्त की मार खाए ये लोग चले जा रहे थे।
ऐसे में अब इस साल एक बार फिर से मजदूरों को बीते साल का डर सताने लगा है। जिसके चलते मजदूरों ने घरों की तरफ लौटना शुरू कर दिया है। ऐसे में बिहार के एक मजदूर ने बताया, 'पिछली बार लॉकडाउन के दौरान हमें यहां फंसना पड़ा। दोबारा ऐसे हालात से बचना चाहते हैं। फिलहाल घर लौटना ज्यादा अच्छा है।
कड़ी पाबंदियां जारी
हालातों को काबू करने के लिए सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा वीकएंड पर लॉकडाउन की घोषणा की गई है। वहीं, दिल्ली में भी आगामी 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा के कई इलाकों में कड़ी पाबंदियां जारी हैं।
इसके साथ ही पुणे में भी हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं कि मरीजों को इलाज के लिए बिस्तर और वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं। रात-रात भर मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। यहां के ये हाल निजी और सरकारी दोनों तरह के अस्पतालों में हैं। ऐसे में नगर निगम ने सेना से मदद मांगी है।