दिल्ली सरकार को जोरदार फटकार: यही रहे हालात, तो लोग घरों में ही मरने लगेंगे

ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिया है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-26 10:08 GMT

अरविंद केजरीवाल(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई आज यानी सोमवार को भी जारी है। ऐसे में दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिया है कि वह सारे ऑक्सीजन सप्लायर और रीफिलर्स के साथ आज शाम को 5 बजे बैठक करे और इसमें क्या तय हुआ, इसके बारे में कोर्ट को कल तक पूरी रिपोर्ट दें। 

बढ़ते संक्रमण के मामलों से और ऑक्सीजन की कमी के चलते सुनवाई कर रहे जज जस्टिस विपिन सांघी ने दिल्ली सरकार पर जोरदार फटकार लगाई और कहा कि ये हालत रही तो लोग घरों में ही मरने लगेंगे।

अब होगी केंद्र सरकार पर कड़ी कार्रवाई

बता दें, इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट में कहा कि अगर दिल्ली को 380 एमटी ऑक्सीजन भी मिलती है तो काम चल सकता है, जरूरी है सिस्टम का होना। हमने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी से इस मुद्दे पर बात की है।

इस बीच जयपुर गोल्डन और INOX ने ऑक्सीजन को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि राजस्थान पुलिस द्वारा ऑक्सीजन के चार टैंकर रोकना मानव जीवन को खतरे में डालने के समान है। इससे कोई मकसद हल नहीं होगा। आगे उसने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है कि ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं होगी, ऐसे में केंद्र सरकार कड़ी कार्रवाई करे।

ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर ऑनलाइन सुनवाई के दौरान जब दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट के सामने उपस्थित हुए तो जस्टिस विपिन सांघी ने उनसे ट्रांसपेरेंट सिस्टम बनाने का निर्देश दिया। साथ ही जस्टिस सांघी ने उनसे कहा कि अगर ऑक्सीजन की वजह से मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा तो घरों में मौतें होने लगेंगी।


न बर्बाद किया जाए समय

आगे जस्टिस सांघी ने कहा, "हम यह सिचुएशन नहीं चाहते। आप पक्षधारकों, सप्लायरों के साथ आज ही मीटिंग करें। सारी सूचनाएं जमा करें जो आपको चाहिए। ट्रांसपेरेंट सिस्टम चाहिए। जरूरत में उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर बनाकर रखनी होगी। आपको अपने संसाधनों का सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है। समय बर्बाद न किया जाए।"

दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार ने 18 क्रायोजेनिक टैंकर के लिए प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया है जिन्हें तीन फेज में बैंकॉक वगैरह से मंगाने की व्यवस्था हो रही है।

और उधर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार के जवाब को पढ़ते हुए दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार को पर्याप्त ऑक्सिजन आवंटित की गई है, पर दूसरे राज्यों की तरह उसे प्लांट से यहां मंगवाने के लिए टैंक की व्यवस्था करने में नाकाम रही। लेकिन अब मुझे पता चला है कि सरकार ने एक वॉर रूम तैयार किया है।

जबकि जयपुर गोल्डन और INOX ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने सप्लाई चेन में रुकावटें डाल दी है। जो पहले सीधे अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई करता था उसने अब फोन उठाना बंद कर दिया है। अब तो दिल्ली सरकार भी नहीं उठाती है। हम कहां जाएं।

जिसके चलते जयपुर गोल्डन अस्पताल ने हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ब्यूरोक्रेसी मशीनरी हालात को कंट्रोल करने में पूरी तरह से फेल हो गई है।

साथ ही INOX ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि हम दिल्ली में 45 अस्पतालों को ऑक्सिजन सप्लाई करते हैं और दिल्ली सरकार हमसे कह रही है कि आपको सिर्फ 17 अस्पतालों को ही सप्लाई करना होगा। मेरे बाकी अस्पतालों को कौन देगा ऑक्सिजन।

लेकिन महाराजा अग्रसेन अस्पताल की तरफ से कहा गया कि अगर हमें कहा जाए कि हम तमाम अथॉरिटीज से संपर्क करने की बजाए इस नोडल ऑफिसर को बताए कि अभी हमारे पास कितनी ऑक्सिजन है और हमें इतने की जरूरत है और वह कितने बजे तक मिल जाएगा तो हम किसी को परेशान नहीं करेंगे। मरीजों का बेहतर तरीके से ख्याल रख सकेंगे।



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