कृषि कानून पर घमासान: अपने विवादित बयान के बाद बैकफुट पर आए तोमर, किसान नेताओं ने दी सरकार को कड़ी चेतावनी

Narendra Singh Tomar Statement: कृषि मंत्री के बयान के बाद किसान संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update: 2021-12-26 06:30 GMT

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Narendra Singh Tomar Statement: केंद्र सरकार की ओर से वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के संबंध में अपने बयान पर बवाल मचने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar News) ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि नागपुर (Nagpur) में दिए गए उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। अपनी सफाई में तोमर ने कहा कि मैंने कहा था कि आगे भी सरकार किसानों (Farmers) के हित में काम करना जारी रखेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि तोमर ने नागपुर में कहा था कि कृषि कानूनों (agricultural laws) के मुद्दे पर हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं, लेकिन हम दोबारा आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने किसानों को भारत की रीढ़ बताते हुए कहा कि सरकार इस बाबत आगे बढ़ने के बारे में सोच रही है। कृषि मंत्री के इस बयान के बाद किसान संगठनों (kisan sangathan) ने गहरी नाराजगी जताई है। भारतीय किसान यूनियन (bhartiya kisan union)  के प्रवक्ता राकेश टिकैत  (Rakesh Tikait) ने कहा कि तोमर को एक बात याद रखनी चाहिए कि ऐसी स्थिति में किसान आंदोलन (kisan aandolan)  फिर शुरू हो सकता है। अन्य किसान नेताओं ने भी सरकार को इस मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के संबंध में प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद किसान दिल्ली से जरूर लौट गए हैं मगर उन्हें फिर दिल्ली में डेरा डालने में तनिक भी देर नहीं लगेगी।

राकेश टिकैत (photo : social media )

मेरे कहने का गलत मतलब निकाला गया

बयान पर विवाद पैदा होने के बाद दिए गए स्पष्टीकरण में तोमर ने कहा कि मेरे कहने का मतलब यह था कि सरकार ने किसानों के हित में बढ़िया कानून बनाया था। कुछ कारणों की वजह से सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा मगर सरकार आगे भी किसानों की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी। हालांकि मीडिया में कृषि कानूनों की वापसी संबंधी तोमर का बयान आने के बाद किसान नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि यदि कृषि कानूनों की वापसी हुई तो किसान आंदोलन फिर शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि कानून तो वापस ले लिए हैं मगर किसानों की अन्य मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है।

किसान नेताओं ने दिखाए सख्त तेवर

किसान नेता जगतार सिंह (Jagtar Singh) ने सरकार को चेतावनी दी कि हम दिल्ली से जरूर लौट आए हैं मगर दिल्ली में फिर किसानों के जुटाने में जरा भी देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने फिर अगर साजिश रची तो किसान नेताओं की अपील पर लाखों किसान ने एक बार फिर दिल्ली में डेरा डाल देंगे। उन कानूनों को किसी भी सूरत में फिर लागू नहीं होने दिया जाएगा जो किसानों के हित में नहीं हैं।

किसान नेता हरजीत सिंह ने कहा कि अब पूरा देश जागरूक हो चुका है और किसान लड़ाई से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कृषि मंत्री के बयान को गलत बताते हुए कहा कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।'

राहुल गांधी (फोटो : सोशल मीडिया )

बयान पर राहुल की तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने भी तोमर के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे प्रधानमंत्री की ओर से मांगी गई माफी का अपमान बताया। उन्होंने सरकार के इस दिशा में आगे बढ़ने पर सत्याग्रह की चेतावनी भी दी। कांग्रेस ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि भाजपा की बातों का भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए जनता को उसे सबक सिखाना ही होगा।

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