Rakesh Tikait News: राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की, बताया दिल्ली जानें का प्लान

Rakesh Tikait News: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर शुरू हुआ था।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-11-18 12:59 GMT

राकेश टिकैत की तस्वीर

Rakesh Tikait News: किसान दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर पिछले करीब एक साल से केंद्र सरकार (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अब संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) के निर्णय के मुताबिक किसान 29 नवंबर को दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें 29 नवंबर से संसद (Parliament) के इस सत्र के अंत तक 500 चयनित किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में हर दिन शांतिपूर्ण और पूरे अनुशासन के साथ संसद जाएंगे। किसानों की गाजीपुर और टीकरी बॉर्डरों से 500-500 के जत्थे में किसानों को रोज दिल्ली भेजने की तैयारी है। यदि किसानों को रोका जाएगा तो किसान वहीं पर गिरफ्तारी देंगे।

कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर शुरू हुआ था। इस 26 नवंबर को किसानों को सीमाओं पर आए एक साल पूरा हो रहा है, किसान आंदोलन(kisan andolan)  के एक साल पूरे होने पर अपने आंदोलन को गति देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने अहम बैठक में 29 नवंबर से 500 लोगों का ट्रैक्टर से दिल्ली कूच का एलान किया है।

राकेश टिकैत ने अपने कार्यक्रम की जानकारी दी

इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दिल्ली के पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर अपने कार्यक्रम की जानकारी दे दी है। उनका कहना है कि हमारा कार्यक्रम तय है सरकार को बात करनी है तो संयुक्त किसान मोर्चा से करे।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राकेश टिकैत (BKU Leader Rakesh Tikait) ने कहा 29 नवबंर को 500 किसान और 35 टैक्टर दिल्ली जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई बात करनी है तो संयुक्त किसान मोर्चा से दिल्ली पुलिस के अधिकारी जाकर बात करें।

29 नवबंर से संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत होगी

आपको बता दें कि 29 नबवंर से संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत होनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान किसान संगठन संसद के पास बैठकर नए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

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