Gaganyaan Mission: इसरो ने किया गगनयान के 'विकास इंजन' का सफल परीक्षण, 2022 तक भेजने का है लक्ष्य
Gaganyaan Mission: ISRO ने बुधवार को भारत के गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) से जुड़ा बड़ा टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। गगनयान मिशन भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है।
Gaganyaan Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बुधवार को भारत के गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) से जुड़ा बड़ा टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। गगनयान मिशन भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है, जिसके जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष तक भेजा। इन यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेज और उन्हें वापस धरती पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है। यह तीसरा टेस्ट था जो कि अब तक का सबसे लंबी अवधि तक सफल रहा। गगनयान मिशन को लॉन्च करने के लिए इसी विकास इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब हो कि देश ने गगनयान की तैयारी साल 2014 में ही कर ली थी, जब जीएसएलवी मार्क 3 के जरिए मॉड्यूल को टेस्ट किया गया था। 18 दिसंबर 2014 को मॉड्यूल का नाम CARE रखा गया था। CARE यानी क्रू मॉड्यूल एटमॉस्फेरिक री एंट्री एक्सपेरिमेंट जो कि अंतरिक्ष तक पहुंच कर धरती की सतह पर लौट आया था। उस कैप्सूल को बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास से रिट्रीव किया गया था। तभी से लगातार गगनयान मिशन को लेकर ट्रेनिंग और टेस्ट का सिलसिला जारी है। ISRO ने बुधवार को जब इसकी जानकारी देने के लिए ट्वीट किया तो उस पर एलन मस्क ने भी कॉमेंट कर 'बधाई भारत' कहा।
गगनयान अंतरिक्ष भेजे जाने वाला देश का पहला मानवयुक्त मिशन है। इसे लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन विकास की मदद से लॉन्च किया जाएगा। बुधवार को इसका अब तक का सबसे लंबा ऊष्ण टेस्ट कोर L110 लिक्विड स्टेज के लिए 240 सेकंड्स तक किया गया था। यह टेस्ट तमिलनाडु के महेंद्रगिरी के इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में किया गया। गगनयान मिशन के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस में स्पेस फ्लाइट ट्रेनिंग भी लेने गए थे। मैन मिशन से पहले तीन मानवरहित टेस्ट मिशन लॉन्च किए जाने है, जिसकी डेडलाइन इस साल के अंत और दो 2022 में होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में गगनयान मिशन की घोषणा की थी।