Tamil Nadu Elections: तमिलनाडु के शहरी निकाय चुनाव में भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन टूटा
Tamil Nadu Civic Elections: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि हमने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। हमने अन्नाद्रमुक के नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी को सूचित किया है कि हमारा गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर जारी रहेगा।
New Delhi: अन्नाद्रमुक (AIADMK) भले ही राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए (NDA) की सहयोगी है लेकिन तमिलनाडु के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अन्नाद्रमुक और भाजपा आमने-सामने हैं। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक ने भाजपा को सिर्फ 10 फीसदी सीटों की पेशकश की थी, हालांकि भाजपा ने और सीटें मांगीं थीं ऐसे में गठबंधन नहीं हो सका है। भाजपा ने 19 फरवरी को होने वाले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अन्नाद्रमुक गठबंधन से अलग होने और अकेले चुनाव मैदान में जाने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि अन्नाद्रमुक अब भी राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए का हिस्सा है और दोनों दल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन में होंगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई (BJP state president K. Annamalai) ने कहा कि अन्नाद्रमुक ने भाजपा की ज्यादा सीटों की मांग को खारिज करते हुए अपने उम्मीदवारों की दो सूची जारी कल और आज जारी की है। इसके पहले भाजपा के साथ गठबंधन से पीएमके (PMK) भी बाहर हो चुकी है। पिछले साल ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान पीएमके और भाजपा की राह अलग अलग हो गयी थी।
अन्नामलाई ने कहा है कि राज्य में पार्टी के कार्यकर्ताओं की मांग थी कि पार्टी को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी इसे स्वीकार किया और इसी आधार पर भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ बातचीत की थी।
हमने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है-अन्नामलाई
अन्नामलाई ने कहा कि हमने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। हमने अन्नाद्रमुक के नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी को सूचित किया है कि हमारा गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर जारी रहेगा। यह निर्णय हमारी पार्टी को राज्य में बढ़ने और तमिलनाडु के हर घर में कमल ले जाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल नौ जिलों में ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन पर समझौता शीर्ष स्तर पर हुआ था।
लेकिन कल्लाकुरिची को छोड़कर आठ जिलों में जमीनी स्तर पर समन्वय करना मुश्किल हो गया था। अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा के अकेले जाने के निर्णय से पार्टी को राज्य के लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के बारे में जानकारी लेने का अवसर मिलेगा, जो स्थानीय निकाय स्तर पर सभी घरों में लागू की गई हैं।
अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ता और भाजपा के कार्यकर्ता साथ काम नहीं कर रहे
तमिलनाडु में भाजपा नेतृत्व के एक बड़े वर्ग की राय है कि अन्नाद्रमुक के निचले स्तर के कार्यकर्ता और भाजपा के कार्यकर्ता मिलजुल कर काम नहीं कर पा रहे हैं। 2021 के विधानसभा चुनावों में भी अन्नाद्रमुक ने भाजपा उम्मीदवारों को वोट ट्रान्सफर कराने में कोई ख़ास मदद नहीं की थी। भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं की राय है कि जहां द्रमुक जमीनी उपस्थिति के साथ एक मजबूत गठबंधन है, वहीं अन्नाद्रमुक ने खुद को एक ऐसी पार्टी में बदल लिया है जो केवल चुनावों के दौरान एक साथ आती है।
दरअसल, पोंगल गिफ्ट हैम्पर्स में आपूर्ति की गई सामग्री की खराब गुणवत्ता सहित कई मुद्दों पर द्रमुक सरकार के खिलाफ कई आंदोलन नहीं कर पाने के कारण अन्नाद्रमुक को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अन्नाद्रमुक नेतृत्व ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कोरोना और इसके कारन लगे प्रतिबंधों ने द्रमुक सरकार के खिलाफ जमीनी स्तर पर आंदोलन आयोजित करने के पार्टी के प्रयासों को बाधित किया है। अन्नाद्रमुक से नाता तोड़ने की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं की राय है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले जाने से पार्टी को जमीनी स्तर पर कुछ फायदा मिल सकता है और वह अपना कैडर आधार विकसित कर सकती है।