ब्लैक-होल का खुलासा! सामने आएंगी ब्रह्मांड की ये सच्चाईयां

एक नवजात ब्लैकहोल में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाने में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि ब्लैकहोल में इन गुरूत्वीय तरंगों के घूमने के आधार पर इसके द्रव्यमान और घूमने की गति का पता लगाया जा सकता है।

Update: 2023-04-26 18:02 GMT
ब्लैक-होल का खुलासा! सामने आएंगी ब्रह्मांड की ये सच्चाईयां

नई दिल्ली : एक नवजात ब्लैकहोल में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाने में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि ब्लैकहोल में इन गुरूत्वीय तरंगों के घूमने के आधार पर इसके द्रव्यमान और घूमने की गति का पता लगाया जा सकता है। बता दें कि इस खोज से आइंस्टीन की जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी मतलब की सामान्य सापेक्षता सिद्धांत के साक्ष्यों को बल मिलता है।

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गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव

बता दें कि सामान्य सापेक्षता सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड में किसी भी वस्तु की तरफ जो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव देखा जाता है उसका कारण यह है कि हर वस्तु अपने मान और आकार के अनुसार अपने इर्द-गिर्द एक दिक्-काल (स्पेस-टाइम) में ऐंठन पैदा कर देती है। यह अध्ययन फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।

इसी खोज के बारे में शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन से इस बात की संभावना और बढ़ गई है कि ब्लैक होल केवल अपने तीन गुणों को दिखाता है, जिसमें द्रव्यमान, घूर्णन (स्पिन) और इलेक्ट्रिक चार्ज शामिल हैं। इन तीनों गुणों में अहम बात ये है कि इनका अवलोकन किया जा सकता है, जबकि अन्य गुणों का अवलोकन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह सभी ब्लैक होल में ही समा जाते हैं।

इसके साथ ही अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने गुरुत्वाकर्षण के घूर्णन की गणना कर कहा कि ब्लैक होल को भौतिकविद् अल्बर्ट आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का उपयोग करना चाहिए। जिसका घूमने का पैटर्न दिया गया है।

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किए गए इस अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों की गणना ब्लैक होल के द्रव्यमान और घूर्णन के पहले के माप से मिलती है। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक मैक्सिमिलियानो इस्सी ने कहा कि पहले हम केवल सामान्य सापेक्षता के सही होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह पहली बार है जब हमने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आइंस्टीन के सिद्धांत का सीधे परीक्षण करने वाला यह पहली प्रायोगिक माप थी।

ये होता है ब्लैक होल

जानकारी के लिए बता दें कि ब्लैक-होल अंतरिक्ष का एक हिस्सा है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि प्रकाश की किरणें भी वहां से बाहर नहीं निकल पातीं। इसी वजह से इसे ब्लैक होल कहा जाता है और इसके साथ ही हम इसे सीधी आंखों से भी नहीं देख सकते हैं। जिस जगह से प्रकाश भी नहीं बाहर आ पाता है उसे इवेंट होराइजन कहा जाता है।

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इससे पहले भी गुरुत्वीय तरंगों का पता लगा

वैज्ञानिकों ने इससे पहले भी दो स्पायरलिंग ब्लैक होल में गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया था, जो टकराने के बाद एक ब्लैक होल में मिल गया था। इस घटना के दौरान वैज्ञानिकों ने देखा था कि जब दोनों ब्लैक-होल एक-दूसरे से मिले, तो उस समय गुरुत्वीय तरंगों की गति सबसे ज्यादा तेज हो गई थी।

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