बिहार बोर्ड के टॉपर हिमांशु राज को निशुल्क IIT की कोचिंग: आर.के.सिन्हा
टॉपर बनने के बाद हिमांशु ने कहा कि कोचिंग के साथ पापा भी पढ़ाई कराते थे। घर में 14 घंटे की पढ़ाई करते थे, जिसके बाद आज वह टॉप आए हैं। हिमांशु ने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसको लेकर वह आगे भी कड़ी मेहनत करेंगे।
पटना: कहते हैं जहां चाह है,वहां राह है...बिहार टॉपर हिमांशु राज रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गांव वार्ड नं 10 का निवासी है। हिमांशु राज के पिता सुभाष सिह सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। माता मंजू देवी कुशल गृहिणी है। बिहार बोर्ड का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। रोहतास जिले के हिमांशु राज बिहार टॉपर बने हैं।
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हिमांशु के सपने को आगे पंख देगा पूर्व राज्यसभा सांसद और शिक्षाविद आरके सिन्हा की संस्था "अवसर ट्रस्ट" , देने वाली है। पूर्व सांसद आरके सिन्हा की संस्था अवसर ट्रस्ट के प्रसिद्द शिक्षक वर्ल्ड रिकॉर्डस होल्डर मैथेमैटिक्स गुरू फेम आरके श्रीवास्तव ने हिमांशु को उसके उज्ज्वल भविष्य के लिये आशीर्वाद दिया, तथा उन्होने उसके पिता सुभाष से कहा की आपका बेटा रोहतास का मान सम्मान बिहार सहित पूरे देश मे बढ़ाया, उसके आईआईटीयन बनने के सपने को पंख देगा अवसर ट्रस्ट, मैथेमैटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव ने अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व सांसद आरके सिन्हा को फोन कर रोहतास के सब्जी बिक्रेता सुभाष के पुत्र हिमांशु राज के आर्थिक स्थिति से अवगत कराया, शिक्षाविद पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा की बिहार टॉपर हिमांशु पर हम सभी को गर्व है । हमारी संस्था अवसर ट्रस्ट हिमांशु के प्रतिभा का सम्मान करते हुये देगी नि:शुल्क शिक्षा। स्कूलिंग शिक्षा से लेकर रहने खाने की सारी सुविधा देगा अवसर आईआईटी संस्था।
टॉपर हिमांशु की कहानी
हिमांशु की इच्छा तो ऊंची उड़ान भरने की है, लेकिन परिवार की आर्थिक परेशानी को देखते हुए उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की बात कही।बिहार बोर्ड ने मैट्रिक रिजल्ट में इस बार मैट्रिक की परीक्षा में छात्रों का दबदबा रहा है। रोहतास के नटवार स्थित जनता हाईस्कूल के हिमांशु राज टॉपर बने हैं। रोहतास के हिमांशु राज ने बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल करते हुए टॉप किया है। हिमांशु ने 96.20 फीसदी अंक हासिल किए हैं, उन्हें 481 नंबर मिले हैं।
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सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं हिमांशु
टॉपर बनने के बाद हिमांशु ने कहा कि कोचिंग के साथ पापा भी पढ़ाई कराते थे। घर में 14 घंटे की पढ़ाई करते थे, जिसके बाद आज वह टॉप आए हैं। हिमांशु ने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। इसको लेकर वह आगे भी कड़ी मेहनत करेंगे। सब्जी बेचने वाले सुभाष का बेटा है हिमांशु , कई बार तो पढ़ाई के दौरान आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परेशानी भी हुई, लेकिन किसी तरह से पढ़ाई जारी रखा। हिंमाशू के जज्बे को उ़डान भी मिल गई और आगे चलकर शायद हिमांशु अपनी कड़ी मेहनत से सफल इंजीनियर बने।