लैब टेक्नीशियन के 941 पदों के चयन परिणाम को लेकर आई बड़ी खबर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 921 लैब टेक्नीशियनों की भर्ती के चयन परिणाम पर रोक लगाने के एकल पीठ के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत एवं न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने विवेक कुमार पांडेय व अन्य की अपील को खारिज करते हुए दिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 921 लैब टेक्नीशियनों की भर्ती के चयन परिणाम पर रोक लगाने के एकल पीठ के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत एवं न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने विवेक कुमार पांडेय व अन्य की अपील को खारिज करते हुए दिया है।
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अपील में मांग की गई थी कि चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी जाए और यह नियुक्ति एकल पीठ के समक्ष याचिका के निर्णय पर निर्भर रहेगी। खंडपीठ ने इस दलील को नहीं माना और कहा कि अंतरिम आदेश के विरुद्ध अपील पोषणीय नहीं है।
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एकल पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जून 2019 को जारी चयन परिणाम पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि लैब टेक्नीशियन के लिए स्टेट मेडिकल फेकेल्टी से डिप्लोमा का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जिन अभ्यर्थियों का पंजीकरण नहीं था, लखनऊ खंडपीठ ने उन्हें एक माह की मोहलत देते हुए पंजीकरण करना का निर्देश दिया।
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इस बीच सरकार ने परिणाम रद्द कर सिर्फ पंजीकरण को आधार बनाकर असफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया। ऐसे में कई वे अभ्यर्थी सफल हो गए, जो परीक्षा में असफल थे जबकि याची सफल होने के बाद भी चयन से वंचित रह गए।
इंटर कालेज के पूर्व प्रबंधक सहदेव मुखर्जी के खिलाफ आपराधिक केस की कार्यवाही पर रोक
हाईकोर्ट ने इंडियन गर्ल्स इंटर कॉलेज के पूर्व प्रबंधक सहदेव मुखर्जी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट के आदेश और कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति केएन बाजपेयी ने सहदेव मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ,अधिवक्ता विभू राय व अभिनव गौर को सुनकर दिया।
याची के खिलाफ कॉलेज की एक शिक्षिका ने छेड़खानी, आपराधिक षडयंत्र व गालीगलौज के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। शिक्षिका की शिकायत के कारण याची को कॉलेज में प्रवेश से रोक दिया गया और प्रबंध समिति निलंबित कर दी गई। प्रधानाचार्य को भी हटाकर नया प्रधानाचार्य नियुक्त करने का आदेश हुआ और प्रबंध समिति की जगह डीआईओएस को अधिकृत प्राधिकारी नियुक्त कर दिया गया।
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हालांकि इन आदेशों पर बाद में हाईकोर्ट से रोक लग गई। वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कोर्ट ने बताया कि शिक्षिका याची की रिश्तेदार है। उनका पारिवारिक विवाद चल रहा है। इसी कारण झूठा मुकदमा दर्ज कराकर याची को परेशान किया जा रहा है। शिक्षिका ने जो भी शिकायतें की हैं, वे 2012 की घटनाओं से जु़ड़ी हैं। इतने समय बाद शिकायत करने का कोई कारण भी नहीं स्पष्ट किया गया है।