Testicular Cancer: टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षणों की समय पर करें पहचान, इन लोगों को होती है इसके होने की ज्यादा सम्भावना

Testicular Cancer: यह कैंसर आमतौर पर युवाओं और बच्चों में देखा जाता है लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर की शुरुआत अक्सर अंडकोष में संभवतः एक छोटी लाल या सफेद गांठ के रूप में होती है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है।

Update:2023-04-13 23:59 IST
Testicular Cancer (Image credit: social media)

Testicular Cancer: टेस्टिकुलर कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो पुरुषों के अंडकोष (टेस्टिकल्स) में विकसित होता है। यह कैंसर आमतौर पर युवाओं और बच्चों में देखा जाता है लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर की शुरुआत अक्सर अंडकोष में संभवतः एक छोटी लाल या सफेद गांठ के रूप में होती है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है।

टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षण ( Symptoms Of Testicular Cancer)

टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

एक या दोनों अंडकोषों में बढ़ती हुई या सूजन
एक या दोनों अंडकोषों के स्पर्श पर दर्द या असहनीय दबाव
अंडकोषों में बनावट या नोएड (लंबी उम्र तक आमतौर पर आता है)
अंडकोष का वजन या आकार में बदलाव
अंडकोषों की त्वचा पर लाल या दानेदार फुंसियां जो खुजलाती हों या बरसात में दर्द देती हों
अंडकोषों की त्वचा के रंग में बदलाव (अंडकोषों के बाहर या अंदर)
अंडकोषों में विकृति या घाव (अंडकोषों के बाहर या अंदर)
शुक्राणु या अंडकोषों के आसपास का एक या एक से अधिक बढ़ते हुए लाइम्फ नोड (अंडकोष के पास या दोनों पैरों में)।
टेस्टिकुलर कैंसर नर्तकों या खिलाड़ियों जैसे लोगों में अधिक देखा जाता है।
शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने वाले कैंसर के मुकाबले, टेस्टिकुलर कैंसर संभवतः अधिक उपचारयोग्य होता है।
यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

टेस्टिकुलर कैंसर के कारण ( Causes Of Testicular Cancer)

टेस्टिकुलर कैंसर टेस्टिकल (अंडकोष) में शुरू होने वाले कैंसर को कहते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
जन्म से अधिक अंडकोष में अतिरिक्त एक या दो अंडे होने के कारण।
किसी भी उम्र में अंडकोष में संक्रमण।
अंडकोष में अत्यधिक शारीरिक दबाव, जैसे जुड़वाँ बच्चे, खेल या व्यायाम के कारण।
जिन लोगों को अंडकोष की वृद्धि की समस्या होती है, जैसे किसी नस से बना हुआ होना।
कुछ लोगों में यह विरासत में भी मिल सकता है।
ये सभी कारण टेस्टिकुलर कैंसर के उत्पादन में एक या एक से अधिक भूमिका निभाते हैं।

किन लोगों में टेस्टिकुलर कैंसर होने की ज्यादा होती है सम्भावना (Who are more likely to develop testicular cancer?)


टेस्टिकुलर कैंसर मुख्य रूप से 15 से 35 साल की आयु के लड़कों में देखा जाता है। इसके अलावा, निम्नलिखित लोगों में इसकी ज्यादा संभावना होती है:

जो लोग जन्म से अधिक अंडकोष में एक या दो अंडे रखते हैं।
जिन लोगों को पहले से ही अंडकोष के कैंसर हो चुका हो।
जो लोग राइट साइड का अंडकोष हटवा लेते हैं।
जो लोग जन्मशक्ति संशोधन उपचार (IVF) के माध्यम से पैदा हुए हों।
जो लोग अंडकोष के वृद्धि की समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
जो लोग अंडकोष में संक्रमण से पीड़ित होते हैं।
जो लोग कैमरा या अन्य स्कैन के दौरान अंडकोष में एक से अधिक बदलाव दिखाते हैं।

यदि आप इन लोगों में से किसी एक या एक से अधिक वर्ग में शामिल हैं, तो आपको नियमित अंडकोष कैंसर स्क्रीनिंग के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

टेस्टिकुलर कैंसर से बचने के उपाय (Ways To Prevent Testicular Cancer)

टेस्टिकुलर कैंसर से बचने के कुछ उपाय हैं:

नियमित अंडकोष स्वास्थ्य जाँच कराएं:

अंडकोषों की स्वास्थ्य जाँच करवाना अत्यंत आवश्यक है, जिससे यदि कोई समस्या हो तो उसे जल्दी से पहचाना जा सके।

उचित आहार लें:

एक स्वस्थ आहार लेना टेस्टिकुलर कैंसर से बचने में मदद कर सकता है। फल, सब्जियां, पूरे अनाज, नट्स, बीफ, मछली, चिकन, दूध आदि शामिल होने चाहिए।

तंबाकू और अल्कोहल से दूर रहें:

तंबाकू या अल्कोहल का सेवन टेस्टिकुलर कैंसर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। इसलिए इन दोनों से दूर रहें।

व्यायाम करें:

नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों से टेस्टिकुलर कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है।

स्वस्थ वजन बनाएं:

अधिक वजन और मोटापा टेस्टिकुलर कैंसर के विकास का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए आपको स्वस्थ वजन बनाए रखना चाहिए।

स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं:

स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर टेस्टिकुलर कैंसर के जोखिम से बचा जा सकता है।

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