भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन के बारे में जानें, क्या है इसके फायदे
भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन विकसित की है...
भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन विकसित की है। इसके दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल को सरकार से मंजूरी मिल गई है। इस वैक्सीन को नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है। यह जानकारी बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने दी। जैव-प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा है कि 18 से 60 साल की उम्र के लोगों पर वैक्सीन के पहले फेज का ट्रायल पूरा हो चुका है।
लोगों को लगाई गई टीके की खुराक
यह टीका बीबीवी154 है जिसकी प्रौद्योगिकी भारत बायोटेक ने सेंट लुईस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी। डीबीटी ने कहा, ''कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में स्वस्थ प्रतिभागियों को लगाई गई टीके की खुराकों को शरीर द्वारा अच्छी तरह स्वीकार किया गया है। किसी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं है।''
नेजल वैक्सीन पहली नाक की वैक्सीन है
बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट (डीबीटी) ने अपने बयान में कहा, ''भारत बायोटेक की इंट्रा नेजल वैक्सीन पहली नाक की वैक्सीन है, जिसे दूसरे फेज के ट्रायल के लिए नियामक की मंजूरी मिली है" इससे पहले बयान में कहा गया था कि रेग्युलेटर ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी दी है, लेकिन फिर से रिवाइज्ड बयान जारी करके दूसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दी जाने की पुष्टि की गई।
नेजल वैक्सीन के फायदे
- इंजेक्शन से छूटकारा
- नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार होने से सांस से संक्रमण होने का खतरा घटेगा
- इंजेक्शन से छुटकारा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं
- बच्चों का टीकाकरण करना आसान होगा
- उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव
175 लोगों को ये वैक्सीन दी गई
भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा इल्ला के मुताबिक नेजल वैक्सीन को एक ही बार देना होगा। क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री के मुताबिक 4 शहरों में 175 लोगों को ये वैक्सीन दी गई है।कुछ ही दिनों में इसके फेज वन ट्रायल के नतीजे आने हैं। अच्छी बात ये है कि ये वैक्सीन नाक के जरिए दी जाएगी और ये वायरस को रास्ते में ही मार देगी। डॉक्टरों के मुताबिक छोटे बच्चों को ये वैक्सीन को ये वैक्सीन देने में काफी आसानी होगी।
टीकाकरण का खर्च कम होगा
नेजल वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा इला ने इससे पहले कहा था कि कंपनी नाक के रास्ते दिए जाने वाले टीके को विकसित करने पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा था कि नाक के रास्ते दिया जाने वाला टीका ना केवल लगाने में आसान है बल्कि इससे सूई, सीरिंज आदि की भी जरूरत नहीं होगी। इससे टीकाकरण का खर्च कम होगा।