Teeth Regrow: अब दांत भी उगाए जा सकेंगे, शुरू हुआ क्रांतिकारी ह्यूमन ट्रायल

Teeth Regrow: जापानी शोधकर्ता एक प्रायोगिक दवा के साथ आगे बढ़ रहे हैं जिसके बारे में उम्मीद है कि इससे मानव दाँतों को फिर से उगाने का काम किया जा सकेगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-04 09:44 IST

Teeth Regrow   (photo: social media )

एक उम्र के बाद अगर किसी का दांत निकल गया तो हमेशा के लिए गया। दांत दोबारा नहीं उगते। लेकिन अब एक क्रांतिकारी खोज के तहत दांत उगाने वाली दवा सामने आई है।

जापानी शोधकर्ता दांत फिर से उगाने वाली दवा का ह्यूमन ट्रायल इसी महीने शुरू कर रहे हैं।पहले रोगियों को यह दवा नसों के माध्यम से दी जाएगी। यदि परीक्षण सफल होता है, तो शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह दवा 2030 के आसपास सभी प्रकार के दांतहीनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

क्या है दांतों का रहस्य

- औसत वयस्क मानव शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं। हड्डियां कैल्शियम, खनिज और कोलेजन का कठोर मिश्रण होती हैं जो हमें ऐसा जैविक ढाँचा प्रदान करता है जो हमें दिन भर चलने में मदद करता है। हालाँकि हम उनके बारे में ज़्यादा नहीं सोचते, लेकिन हड्डियाँ हैरतअंगेज रूप से लचीली होती हैं। अगर वे टूट भी जाती हैं, तो उनके पास खुद को फिर से उगाने की यह बढ़िया तरकीब होती है।

- दाँत हड्डियाँ नहीं होते हैं। हालाँकि वे कुछ समान चीज़ों से बने होते हैं और मानव शरीर में सबसे कठोर पदार्थ होते हैं क्योंकि दांतों पर इनेमल की सुरक्षात्मक परत होती है। लेकिन दांतों में खुद को ठीक करने और फिर से उगाने की क्षमता नहीं होती है। अब इसी चीज को बदलने की उम्मीद है।

क्या हो रहा नया

जापानी शोधकर्ता एक प्रायोगिक दवा के साथ आगे बढ़ रहे हैं जिसके बारे में उम्मीद है कि इससे मानव दाँतों को फिर से उगाने का काम किया जा सकेगा।

ओसाका के किटानो अस्पताल में चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में दंत चिकित्सा के प्रमुख कात्सु ताकाहाशी के अनुसार, हम उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जो दांतों के नुकसान या दांत न होने से पीड़ित हैं। आज तक इसका कोई स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि दांतों के विकास को लेकर लोगों की उम्मीदें बहुत ज़्यादा हैं।

बरसों की स्टडी

यह डेवलपमेंट गर्भाशय संवेदीकरण-संबंधित जीन-1 (यूएसएजी-1) नामक एक विशेष एंटीबॉडी के इर्द-गिर्द वर्षों के अध्ययन के बाद हुआ है। 2021 में क्योटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (आमतौर पर कैंसर से लड़ने में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक) की खोज की, जिसने यूएसएजी-1 और बोन मोर्फोजेनेटिक प्रोटीन या बीएमपी के रूप में जाने जाने वाले अणुओं के बीच बातचीत को बाधित कर दिया।

अध्ययन के सह-लेखक क्योटो विश्वविद्यालय के कात्सु ताकाहाशी ने उस समय कहा था कि यूएसएजी-1 को दबाने से दांतों की वृद्धि में लाभ होता है। इसका प्रमाण "फेरेट्स" जानवरों पर स्टडी से मिला। फेरेट्स डिफियोडॉन्ट जानवर हैं जिनके दांतों का पैटर्न मनुष्यों के समान है।

अब वैज्ञानिक देखेंगे कि यह कितना समान है, क्योंकि इस महीने मनुष्यों पर भी इसी तरह का परीक्षण किया जाएगा। 11 महीने तक चलने वाला यह अध्ययन 30 से 64 वर्ष की आयु के ऐसे 30 पुरुषों पर केंद्रित होगा जिनमें से प्रत्येक का कम से कम एक दांत गायब है।

दवा की प्रभावशीलता और सुरक्षा को साबित करने के लिए इसे नसों के माध्यम से दिया जाएगा। अच्छी बात ये है कि पिछले पशु अध्ययनों में कोई दुष्प्रभाव नहीं मिला है।

अगर सब कुछ ठीक रहा, तो किटानो अस्पताल 2 से 7 वर्ष की आयु के उन रोगियों को उपचार देगा, जिनके कम से कम चार दांत गायब हैं। क्या है लक्ष्य

शोधकर्ताओं का लक्ष्य वर्ष 2030 तक दांत फिर से उगाने वाली दवा उपलब्ध कराना है। अभी ये उपचार जन्मजात दांतों की कमी वाले रोगियों पर केंद्रित हैं, लेकिन उम्मीद है कि यह उपचार किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए उपलब्ध होगा जिसने अपना दांत खो दिया है।

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