Sleep Paralysis: अगर सोते समय लगे डर या महसूस हो कोई बिस्तर से खींच रहा, तो आप हैं इस बीमारी के शिकार

Sleep Paralysis: अक्सर लोग सोते समय डर जाने की शिकायत करते हैं। उन्हें महसूस होता है, मानो कोई दबोच रहा है या वे ऊंचाई से नीचे गिर रहे हैं। तो आप स्लीप पैरालिसिस के शिकार हैं।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-05-20 14:30 GMT

अगर सोते समय लगे डर, तो आप हैं इस बीमारी के शिकार। (Social Media)

Sleep Paralysis: अक्सर लोग सोते समय डर जाने की शिकायत करते हैं। उन्हें महसूस होता है, मानो कोई दबोच रहा है या वे ऊंचाई से नीचे गिर रहे हैं। वे मदद के लिए आवाज लगाने की कोशिश करते हैं, तो आवाज नहीं निकलती और ना वे खुद को हिला-डुला पाते हैं। व्यक्ति को लगता है कि वह हिल-डुल नहीं पा रहा है या कोई उसे बिस्तर से खींच रहा है। मेडिकल की भाषा में इसे स्लीप पैरालिसिस (Sleep Paralysis) कहते हैं। इस बारे में मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) के न्यूरोलॉजी विभाग (neurology department) के निदेशक डॉ. अनूप ठक्कर (Director Dr. Anoop Thakkar) से बातचीत के आधार पर पेश है ये रिपोर्ट।

मानसिक रूप से कर सकता परेशान

यह ऐसी अवस्था है, जिसमें इंसान के दिमाग व शरीर के बीच तालमेल नहीं रहता। व्यक्ति भीतर से सचेत होता है, पर शरीर को हिला नहीं पाता। यह अवस्था कुछ सेकंड से कुछ मिनटों तक रह सकती है। हालांकि, यह स्थिति गंभीर नहीं है, पर बार-बार होना मानसिक रूप से परेशान कर सकता है।

क्या होते हैं कारण?

नींद की कमी व ढंग से नींद न आना इसका बड़ा कारण है। गहरी नींद में आंखों की पुतलियां तेजी से घूमने लगती हैं, जिसे रैपिड आई मूवमेंट कहते हैं। इसी प्रकार कुछ देर के लिए पुतलियों का घूमना बंद हो जाता है, जिसे नॉन-रैपिड आई मूवमेंट कहते हैं। इस अवस्था का एक चक्र करीब 90 मिनट का होता है। नींद की कमी होने पर हम एक चक्र से दूसरे चक्र में सही ढंग से नहीं जाते या फिर रैपिड आई मूवमेंट से बाहर निकलते हुए अर्द्धनिद्रा की स्थिति में होते हैं। इससे स्लीप पैरालिसिस हो सकता है।

क्या हैं समाधान

  • अंधविश्वास में न पड़ें। दिनचर्या सुधारें। अन्यथा, डॉक्टर से संपर्क करें।
  • भरपूर नींद लें। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती, वह रैपिड आई मूवमेंट की स्थिति में जल्दी पहुंचते हैं। इसी स्थिति में सपने ज्यादा आते हैं।
  • सोने से पहले मोबाइल न देखें। दिन में ना सोएं, ताकि रात में सो सकें। ध्यान व व्यायाम करें। तनावमुक्त रहें, जरूरी हो तो डॉक्टर से मिलें।
  • करवट लेकर सोएं। पूरी रात पीठ के बल न सोएं।
  • संतुलित आहार लें। रात में हल्का खाएं। रात में कॉफी व अल्कोहल न पिएं।
  • कुछ मानसिक विकार व बायपोलर डिसॉर्डर की स्थिति होने पर।
  • अधिक तनाव होना।
  • नार्कोलैप्सी। इसमें व्यक्ति का नींद पर नियंत्रण नहीं रहता और वह कभी भी गहरी नींद में चला जाता है।
  • कुछ लोगों को अजीब आवाजें और डरावने चेहरे दिखते हैं, जिससे घराहट बढ़ जाती है। हैलुसिनेशन और एंग्जाइटी एक साथ मिल कर दिमाग पर असर डालते हैं। इस स्थिति में लोगों को जल्दी जल्दी स्लीप पैरालिसिस के लक्षण महसूस होते हैं। ऐसे में किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए।
  • आनुवंशिक कारण, कुछ दवा और नशीली चीजों का सेवन।
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