सेहत का है सवाल! दोगुना नमक छिड़क रहे फूड ब्रैंड्स, हो जायें सावधान

डोमिनोस का एक नान सुप्रीम रेगुलर पिज्जा या पिज्जा हट का सुप्रीम पर्सनल पिज्जा खा लिया तो इसके बाद आपके पूरे दिन का कोटा पूरा हो गया है इसके बाद भी अगर आप नमक खा रहे है तो आप खतरे में हैं क्योंकि सीएसई कि रिपोर्ट के मुताबिक जंक फूड में नमक कि मात्र तय मानकों से कहीं ज्यादा होती है।

Update: 2019-12-31 13:35 GMT

लखनऊ: एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है की फूड ब्रांड्स ने ट्रांसफैट के बारे में गलत जानकारी दी है। सीएसई (सेंटर फार साइंस ऐंड एनवायरमेंट) ने फूड ब्रांड्स का बड़ा खुलासा किया है।

बता दें कि सीएसई ने अपनी लैब रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि जंक फूड में प्रस्तावित सीमा से काफी ज्यादा मात्रा में नमक और फैट होता है। बता दें कि अगर आप जंक फूड खा रहे हैं तो आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

पिज्जा हट का सुप्रीम पर्सनल पिज्जा खा लिया तो आपके पूरे दिन का कोटा पूरा

आपने डोमिनोस का एक नान सुप्रीम रेगुलर पिज्जा या पिज्जा हट का सुप्रीम पर्सनल पिज्जा खा लिया तो इसके बाद आपके पूरे दिन का कोटा पूरा हो गया है इसके बाद भी अगर आप नमक खा रहे है तो आप खतरे में हैं क्योंकि सीएसई कि रिपोर्ट के मुताबिक जंक फूड में नमक कि मात्र तय मानकों से कहीं ज्यादा होती है।

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सीएसई के मुताबिक, टू यम मल्टीग्रेन चिप्स के 30 ग्राम के पैकेट में एक ग्राम नमक कि मात्रा पाई गई। यह स्नैक्स के तय मानकों से दोगुनी है वहीं दूसरी तरह नमकीन के हल्दीराम नट क्रैकर्स, इंस्टेंट नूडल्स और सूप में (मैगी और नार) भी नमक कि मात्रा काफी ज्यादा पाई गई और बर्गर (मेक्डोनाल्ड और बर्गर किंग), पिज्जा (डोमिनोस और पिज्जा हट ) और सैंडविच (सबवे ) के सैंपल में भी यह मात्रा काफी ज्यादा मिली।

सीएसई लैब के हेड मरदाल मालिक ने बताया कि ट्रांसफैट से दिल की बीमारी सबसे ज्यादा बढ़ रही है।

फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई

लेकिन स्टडी में सामने आया है कि सभी सैमपलों में कंपनियों ने अपने उत्पादों में ट्रांसफैट के बारे में गलत जानकारियां दी हैं। लेकिन फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई अपने ड्राफ्ट लेबलिंग रेगुलेशन को नोटिफाई नहीं कर रहा है और एफएसएसएआई ने जुलाई 2019 में जो ड्राफ्ट जारी किया था उसमें काफी नियम बदल दिए हैं ।

खासकर 100 ग्राम के पैकेट बंद फूड में नमक और फैट की स्विकृत मात्रा में बदलाव किया गया है। इस सीमा से ज्यादा नमक और फैट होने पर पैकेट पर रेड लेबल रहेगा । रेड लेबल होने से बच्चों के खाने कि वस्तु के बारे में साफ तौर पर पता होगा । इस तरह के प्रयोग चिली, इस्त्राइल में काफी सफ़ल रहे हैं।

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सीएसई के अनुसार एक व्यक्ति पूरे दिन में 2000 किलो कैलरी की जरुरत होती है, जिसमे नमक कि मात्रा 5 ग्राम, फैट 60 ग्राम, कार्बोहायड्रेट 300 ग्राम और सिर्फ ट्रांसफैट 2।2 ग्राम से ज्यादा होना चाहिए उनके कहना है कि चिप्स, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर और नमकीन में सबसे ज्यादा नमक की मात्रा होती है।

जुलाई में सीएसई ने इस रिपोर्ट में काम शुरू किया, जिनमे विभिन्न ब्रैंड के चिप्स, नमकीन, नूडल्स, सूप के 14सैंपल लिए गए।यह सभी सैंपल फूड चेन और दिल्ली के रिटेल स्टोर और मार्केट आदि से लिए ।

सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि हमने जितने भी पैकेट बंद और फास्ट फूड के सैमलों कि जांच की उनमें नमक और फैट कि मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई गई ।

 

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