Real Truth:ऐसे ही नहीं खड़े होते रोंगटे, ना आते हैं आंसू, जानें इसके पीछे की वजह

हमारे शरीर में  कुछ ना कुछ  गतिविधि होती रहती है। कई बार अधिक देर तक पानी में काम करने से उंगलिया सिकुड़ जाती है। इसके अलावा रोंगटे खड़े हो जाते हैं, चमड़ी का सिकुड़ना, आंसू का आना, जम्हाई का आना और अचानक छींक आने जैसी शरीर की कई गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया होगा।

Update: 2020-07-23 17:21 GMT

जयपुर: हमारे शरीर में कुछ ना कुछ गतिविधि होती रहती है। कई बार अधिक देर तक पानी में काम करने से उंगलिया सिकुड़ जाती है। इसके अलावा रोंगटे खड़े हो जाते हैं, चमड़ी का सिकुड़ना, आंसू का आना, जम्हाई का आना और अचानक छींक आने जैसी शरीर की कई गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया होगा।

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रोंगटे खड़े होने से लेकर छींंक

अचानक शरीर में रोंगटे खड़े होने से लेकर छींक आने जैसी गतिविधियां करता है। कई बार अधिक देर तक पानी में काम करने के बाद उंगलिया सिकुड़ जाती है। इसके अलावा रोंगटे खड़े होना, शरीरकी त्वचा का सिकुड़ना, आंसू का आना, जम्हाई का आना और अचानक छींक आ जैसी शरीर की कई गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया होगा।

 

एड्रेनालाईन हार्मोन

*ठंड या फिर डर लगने पर रोंगटे खड़े हो जाते है। इस तरह रोंगटे खड़े होना का कारण एड्रेनालाईन हार्मोन होता है। इन हार्मोन के कारण त्वचा में खिंचाव पैदा होता है, जिससे रोमछिद्रों में उभार आ जाता है। ज्यादा देर पानी में काम करने के कारण हाथों और पैरों की उंगलियों में चिकनाहट आ जाती है। इसके कारण वो सिकुड़ जाते है।

नेचुरल प्रोसेस

*किसी भी इमोशनल मूमेंट में आंसू आना नेचुरल प्रोसेस है। इससे आखें में नमी आ जाती है जिससे देखने में परेशानी नहीं होती।

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छींक एक फिल्टर

*जब नाक में धूल, मिट्टी, कचरा, जीवाणु सांस के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते है। तब छींक एक फिल्टर की तरह उन्हें शरीर में प्रवेश करने से रोकती है।

 

टेम्प्रेचर कम करना

*एक शोध के अनुसार यह बात सामने आई है कि, जब शरीर को दिमाग का टेम्प्रेचर कम करना होता है तो शरीर जम्हाई लेने लगता है। तो अब तक आप मान ही गए होंगे प्राकृतिक शरीर का कोई जवाब नहीं है।

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