किचन में रखी इस चीज से भागेगा कोरोना, रिसर्च में हुआ खुलासा

भारतीय शोधकर्ताओं की एक टीम का दावा है कि काली मिर्च में पाए जाने वाला पेपराइन तत्व कोरोना वायरस को नष्ट कर सकता है।

Update: 2020-10-18 13:45 GMT
काली मिर्च में मौजूद एक एल्कोलॉयड जिसे पेपराइन कहा जाता है

लखनऊ : कोई भी बीमारी हो उसका इलाज देसी और आधुनिक दोनों से करें तो पॉजिटिव रिजल्ट जरूर निकलता है। दुनियाभर में कहर ढ़ा रही कोरोना वायरस का इलाज के लिए कारगर मेडीसीन की दिशा में प्रयास चल रहा है।

अब खबर है कि इस महामारी के इलाज के लिए बनाई जा रही दवा में काली मिर्च काफी मददगार साबित हो सकती है। भारतीय शोधकर्ताओं की एक टीम का दावा है कि काली मिर्च में पाए जाने वाला पेपराइन तत्व कोरोना वायरस को नष्ट कर सकता है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (धनबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में इसका खुलासा किया है।

 

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ओडिशा की एक बायोटेक कंपनी (IMGENEX India Pvt Ltd) के डायरेक्टर ऑफ बायोलॉजिक्स अशोक कुमार के सहयोग से इस खास तत्व का लैबोरेटरीज में परीक्षण किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कंप्यूटर बेस्ड स्टडीज लैब में टेस्ट से पहले का चरण होता है। यदि यह परीक्षण सफल होता है तो ये एक बड़ी सफलता होगी।

 

 

सोशल मीडिया से

शोध में कोई संदेह

उमाकांत त्रिपाठी कहा, 'ये परिणाम बहुत आशाजनक है। इस शोध में कोई संदेह नहीं है। इस शोध ने पाया कि काली मिर्च में मौजूद एक एल्कोलॉयड जिसे पेपराइन कहा जाता है और जो इसके तीखेपन की वजह होता है, कोरोना वायरस का मजबूती से सामना कर सकता है।

रिसर्चर उमाकांत त्रिपाठी के अनुसार किसी भी अन्य वायरस की तरह SARS-CoV-2 हम्यून बॉडी के सेल्स मेंएक ऐसा प्राकृतिक तत्व खोज निकाला है जो इस प्रोटीन को बांधकर रखेगा और वायरस को ह्यूमन सेल्स में प्रवेश करने से रोकेगा।

 

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संभावित तत्वों की पहचान

कोरोना वायरस की प्रणाली को बाधित करने वाले संभावित तत्वों की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर की अत्याधुनिक मॉलिक्यूलर डॉकिंग और मॉलिक्यूलर डायनेमिक्स सिमुलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया था। इसके लिए शोधकर्ताओं ने किचन के सामान्य मसालों में मौजूद 30 अणुओं का प्रयोग किया और उनमें छिपे औषधीय गुणों का पता लगाया।

 

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दरअसल काली मिर्च एक नेचुरल प्रोडक्ट है जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। कोरोना से दुनियाभर में करोड़ो लोग संक्रमित हो चुके हैं। 11 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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