National Vaccination Day 2024: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस, जानिए इसका इतिहास, महत्त्व और उद्देश्य

National Vaccination Day 2024: आज राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के दिन आइये जानते हैं क्या है इसका इतिहास, महत्त्व और उद्देश्य।

Update: 2024-03-16 06:36 GMT

National Vaccination Day 2024 (Image Credit-Social Media)

National Vaccination Day 2024: मानव शरीर को कई तरह की समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीनेशन बेहद ज़रूरी होता है। वहीँ इन टीकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 16 मार्च को भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को उन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है जो सभी का टीकाकरण या वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के लिए बिना रुके प्रयास करते हैं। आइये जानते हैं राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का इतिहास, महत्त्व, थीम और इसका उद्देश्य।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस
 (National Vaccination Day)

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का दिन घातक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में टीकों के महत्व पर प्रकाश डालता है। ये बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की याद भी दिलाता है।

टीकाकरण आधुनिक चिकित्सा की आधारशिला है, और इसने दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीकों ने उन बीमारियों के उन्मूलन में मदद की है जो कभी व्यापक थीं, जैसे चेचक और पोलियो। उन्होंने इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और सर्वाइकल कैंसर जैसी अन्य प्रमुख बीमारियों के नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइये जानते हैं इसका इतिहास, महत्त्व और उद्देश्य।

इस साल भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस आज यानि शनिवार, 16 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। वहीँ इस साल की थीम की घोषणा अभी नहीं की गई है।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का इतिहास 1995 से मिलता है, जब भारत सरकार ने देश से पोलियो उन्मूलन के उद्देश्य से पहली बार पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की स्थापना की थी। ये दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल की याद दिलाता है, जो 1988 में शुरू हुई थी, जिसमें 16 मार्च 1995 को भारत में मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी।

भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस ख़त्म हो चुकी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और ये सुनिश्चित करने के लिए भी मनाया जाता है कि हमारा पूरा समाज इस बीमारी से सुरक्षित रहे। मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक भारत में WHO की वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के हिस्से के रूप में दी गई थी, जो 1988 में शुरू हुई थी। पोलियो उन्मूलन के भारत के प्रयासों के बाद से, देश खसरा और रूबेला उन्मूलन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।। टीकाकरण अभियान, "दो बूंद जिंदगी की" में 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित किया गया है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके की दो बूंदें मौखिक रूप से दी जाती हैं।

बच्चों और वयस्कों के लिए टीकाकरण के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। ये दिन ये भी सुनिश्चित करता है कि सभी को ज़रूरी टीका लगे और वे स्वस्थ रहें। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस टीकाकरण के कार्य और अत्यधिक संक्रामक रोगों की रोकथाम के प्रयासों के लिए समर्पित है। ये विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के प्रसार से बचने के लिए लोगों को समय पर और पूर्ण टीकाकरण के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।

टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए, देश भर में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन बच्चों और वयस्कों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाते हैं। इस दिन को मानाने का उद्देश्य ये भी है कि उन लोगों को टीके उपलब्ध कराये जाएं जो अपने निर्धारित टीकाकरण से चूक गए हों। इस दिन का उद्देश्य टीकों के बारे में किसी भी मिथक या गलत धारणा को दूर करना और समग्र कल्याण को बनाए रखने के लिए उनके महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना भी शामिल है।

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