Sonam Kapoor Postpartum Weight Lost :डॉयबटीज के बाद भी सोनम ने कम किया 20 किलो वज़न, जानिए कैसे जब चाहे कम कर लेतीं हैं अपना वेट
Sonam Kapoor Postpartum Weight Lost: बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने अपने बेटे के जन्म के बाद 20 किलो वज़न घटाया, जबकि वो मात्र 17 साल की थीं जब वो टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित हो गयी थीं।
Sonam Kapoor Postpartum Weight Lost Journey: 2018 में आनंद आहूजा के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर ने 2022 में अपने बेटे वायु कपूर आहूजा के आगमन के साथ मातृत्व की दुनिया में प्रवेश किया और तब से वो अपनी मातृत्व यात्रा को सोशल मीडिया पर शेयर भी करती रही हैं। वहीँ वो अपने पोस्ट डिलीवरी वेट लॉस को भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करतीं रहतीं हैं। उन्होंने हाल ही में 20 किलो वज़न घटाया है और वो भी तब जबकि उन्हें डॉयबटीज है। आइये जानते हैं उन्होंने ऐसा कैसे किया।
कैसे सोनम कपूर ने कम किया 20 किलो वज़न
सोनम कपूर ने गुरुवार को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर अपने वजन घटाने के बदलाव को अपने इंस्टाफैम के साथ शेयर किया। एक मिरर सेल्फी वीडियो में, सोनम ने स्पोर्ट्स ब्रा और टाइटस पहनकर अपनी टोन्ड फिगर को फ्लॉन्ट किया। उन्होंने लिखा, "क्या बात है ..20 किलो वजन कम हो गया...अभी 6 किलो वजन और कम करना है।"
एक्ट्रेस अक्सर सोशल मीडिया पर अपने फैंस को अपनी पोस्ट डिलीवरी जर्नी की एक झलक पेश की हैं। पिछले हफ्ते, सोनम कपूर ने अपनी लहंगे में एक तस्वीर शेयर की है, सोनम ने इसे कैप्शन दिया, "मुझे फिर से अपने जैसा महसूस करने में 16 महीने लग गए। धीरे-धीरे और लगातार, क्रैश डाइट या एक्सट्रीम वर्कआउट का सहारा लिए बिना, मैंने लगातार आत्म-देखभाल और प्यार पर ध्यान केंद्रित किया है। मैं अभी तक वहां नहीं हूं, लेकिन मैं हूं।" लगभग वहीं जहां मैं होना चाहती हूं। मैं अपने शरीर और उसके अविश्वसनीय लचीलेपन के लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। एक महिला होना वास्तव में एक बेहद प्यारा अनुभव है।"
सोनम कपूर ने 20 किलो वजन कम किया है डायबिटीज होने के बाद भी उन्होंने वजन कैसे कम किया इस बात को लेकर हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है। आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनम जब मात्र 17 साल की थीं जब वो टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित हो गयी थीं। लेकिन बॉलीवुड में एंट्री से पहले उन्होंने 35 किलो वेट कम किया था। दरअसल ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है साथ ही ये बचपन में डेवलप हो जाती है साथ ही इसमें पेनक्रियाज इंसुलिन बनाना कम कर देता है। जिसकी वजह से व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म और इन्सुलिन प्रोडक्शन खराब हो जाता है। यही वजह है कि इसमें वज़न जल्दी बढ़ने लगता है।