बड़े काम की चीज है जल, ऐसे करेगा इन रोगों का झटपट इलाज
जल प्यार बुझाने के साथ साथ अनेक कार्य किए जाते हैं। सुबहे आख कुलते ही दिन कि शुरुआत हाथ मुह धोने से हो जाती हैं जो रात में सोने से पहले तक चलती रहती है। आप जल को एक दिनचर्या
बिना जल हम अपनी जिन्दगी की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल प्यार बुझाने के साथ साथ अनेक कार्य किए जाते हैं। सुबहे आख कुलते ही दिन कि शुरुआत हाथ मुह धोने से हो जाती हैं जो रात में सोने से पहले तक चलती रहती है। आप जल को एक दिनचर्या का हिस्सा मानते हैं लेकिन क्या आपको पता हैं इस जल को औषधि कि तरह भी प्रयोग किया जाता हैं।आयुर्वेद में इसे चिकित्सा का भी जिक्र किया गया है, जिससे कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
ये बात तो एक छोटा बच्चा भी जानता है कि शरीर का तीन चौथाई हिस्सा पानी से बना है, इसी लिए शरीर का इलाज भी पानी से संभव है। तो आइए जानते है जिसे हम एक साधारण पीने और काम में प्रयोग करने वाले जल का चिकित्सा से कौन सी बीमारियों का इलाज संभव है –
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नींद न आना
myUpchar से जुड़ीं डॉ. मेधावी अग्रवाल के अनुसार, जिन लोगों को अक्सर नींद नहीं आने की समस्या रहती है उनके लिए जल चिकित्सा पद्धति सबसे बेहतर आयुर्वेदिक इलाज है। ये बीमारी उन लोगो में होती है जो ज्यादा सोचते हैं या मानसिक तनाव में रहते है। साथ ही गलत खान-पान, देर रात तक जागने, कब्ज या पाचन से संबंधित परेशानी, ज्यादा चाय या कॉफी पीने आदि कारण से भी अनिद्रा की समस्या हो सकती है। ऐसे व्यक्ति रातभर बिस्तर में करवट बदलते रहते हैं।
सुजन एक बड़ी समस्या
ये शिकायत अक्सर लोगों में रहती है कि उन्हें हाथ पैर में सूजन रहती है। आमतौर पर हम देखते हैं कि छोटी बीमारियों में सूजन की समस्या नहीं रहती है, लेकिन भोजन में अधिक नमकीन, खट्टे, तीखे पदार्थों के अत्यधिक सेवन बुरा असर पैसा कर देता है। अशुद्ध भोजन लेने के कारण भी शरीर में विष उत्पन्न हो जाता है।
दरअसल सूजन की समस्या वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण पैदा होती है। इसके उपचार के लिए 10 से 20 मिनट तक कटि स्नान करने से राहत मिलती है। उसके बाद तौलिए को गीला करके कमर पर रगड़ने और सूजन वाले स्थान पर पानी की धार छोड़ने से फायदा होता है।
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गैस की हो समस्या
जब पित्ती की मात्रा बढ़ जाती है तो पेट में गैस की समस्या हो जाती है। ऐसे रोगियों का इलाज आयुर्वेद में उल्टी द्वारा ठीक किया जाता है। अगर आपको भी ये समस्या है तो घबराये नहीं सबसे पहले पीने के लिए 5-6 गिलास पानी गर्म करें। उसमें एक चम्मच नमक मिला लें। अब कागासन में बैठ कर पानी पिएं। फिर 10-15 मिनट टहलने के उपरांत झुककर वमन उल्टी करने का प्रयास करें। इससे गैस से संबंधित रोग खत्म हो जाता है और शरीर के अंदर अच्छे से सफाई हो जाती है और पेट में काफी हल्का महसूस होता है।
मानसिक तनाव से राहत
स्टीम बाथ लेने से पूरे शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं, जिसके कारण ही मानसिक तनाव भी दूर होता है। ये एक बेहद अच्छा उपाए है। इस बाथ को घर पर ले सकते है।स्नान लेने के लिए एक कुर्सी पर रोगी को बैठा दें। उसको कंबल से चारों तरफ से ढंक दें और पाइप के जरिए कंबल के अंदर भाप पहुंचाने वाले यंत्र का उपयोग करें। स्टीम बॉथ के लिए बाजार में इन दिनों कई तरह के उपकरण उपलब्ध हैं। वाष्प स्नान से त्वचा निखरती है और शरीर की अच्छे से सिकाई भी होती है लेकिन हाई बल्ड प्रेशर वाले मरीजों को वाष्प स्नान करने से बचना।
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