Poor Sleep And Depression: अधूरी नींद भी बजाती है मेंटल हेल्थ का बैंड, जानें इसके 5 नुकसान
Lack Of Sleep Disadvantages: खराब गुणवत्ता की नींंद आपको मेंटली भी बीमार बनाती है। इससे तनाव, अवसाद, वीक मेमोरी का खतरा बना रहता है।
World Mental Health Day 2024: विश्वभर में हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर शिक्षित और जागरूक करना है। आज के समय में खराब लाइफस्टाइल (Lifestyle) ने युवा से लेकर बच्चों तक को तनाव (Stress) और अवसाद (Depression) का शिकार बना दिया है। देर रात तक जागना, नींद ना पूरी करना बहुत आम बात हो चुकी है। लेकिन अगर आप भी ऐसी जिंदगी जी रहे हैं तो संभल जाइए, क्योंकि इससे आप मोटापा, मनोभ्रंश, हृदय रोग और स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं। साथ ही खराब गुणवत्ता की नींंद आपको मेंटली भी बीमार बनाती है। आइए जानें नींद ना पूरी होने के 5 नुकसानों (Neend Na Puri Hone Ke Nuksan) के बारे में।
1- नींद और डिप्रेशन के बीच संबंध (Sleep And Depression Relation)
आपको ये पता होना बहुत जरूरी है कि अच्छी सेहत के लिए बेहतर नींद (Better Sleep) लेना बहुत जरूरी है। खराब गुणवत्ता की नींद आपको अवसाद का शिकार बना सकती है। कई शोध में भी अवसाद और नींद की समस्याओं का आपस में गहरा संबंध पाया गया है। बताया जाता है कि अनिद्रा (Insomnia) से पीड़ित लोगों के डिप्रेशन में जाने का खतरा रात में अच्छी नींद लेने वालों की तुलना में दस गुना अधिक होता है। अवसाद से ग्रसित लोगों में 75 फीसदी को सोने में या सोते रहने में परेशानी होती है।
आज के समय में ऐसे कई लोग हैं जो फोन, फिल्में और वेब सीरीज देखने के लिए रात-रातभर जागते हैं। वहीं, कई लोग अपनी चिंता और काम के प्रेशर के चलते सो नहीं पाते। कभी-कभार ऐसा होना तो ये आम बात है। लेकिन अगर लगातार रात में नींद ना पूरी की जाए तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे केवल डिप्रेशन ही नहीं बल्कि हृदय रोग, स्ट्रोक, हाई बीपी, डायबिटीज और याददाश्त कमजोर होने जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
2- याद्दाश्त का कमजोर होना (Weak Memory)
मेमोरी को बूस्ट करने के लिए अच्छी नींद भी जरूरी मानी गई है। जब आप कई दिनों तक पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद नहीं लेते हैं तो इसका सीधा असर याद्दाश्त पर पड़ने लगता है। इससे आपको छोटी-छोटी चीजों को याद करने में परेशानी आने लगती है।
3- चिड़चिड़ापन के होते हैं शिकार (Irritation)
इसके अलावा अगर बहुत दिन तक अच्छी और गहरी नींद ना मिले तो इसका असर मूड पर भी पड़ता है। आप चिड़चिड़े (Irritable) हो जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या रोना आने लगता है। खराब क्वालिटी की नींद से व्यक्ति में स्ट्रेस और एंग्जाइटी बढ़ सकती है।
4- फोकस करने में दिक्कत (Problems With Focus)
अपर्याप्त नींद के कारण किसी भी काम और एक्टिविटी में फोकस करने में समस्या होने लगती है। साथ ही आप सुस्त महसूस करने लगते हैं, जिससे किसी भी चीज में मन नहीं लगता।
5- सिरदर्द और थकान (Headache And Fatigue)
आपने भी ये महसूस किया होगा कि नींद न पूरी होने पर सिर में दर्द बना रहता है। साथ ही शरीर में थकान बनी रहती है।
कितने घंटे सोना चाहिए (Kitne Ghante Sona Chahiye Raat Mein)
साफतौर पर ये कहा जा सकता है कि अपर्याप्त नींद से आपकी रोजमर्रा की सभी एक्टिविटी प्रभावित होती है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी स्लीप क्वालिटी को सुधारने पर ध्यान दिया जाए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नींद की सही मात्रा उम्र पर निर्भर करती है। हर किसी उम्र के व्यक्ति और बच्चों के लिए नींद लेने की अवधि अलग हो सकती है। वयस्कों को रात में 7 से 9 घंटे सोना चाहिए। बुजुर्गों के लिए 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। टीनेजर्स के लिए 8 से 10 घंटे की नींद बेहतर मानी जाती है।
इसके अलावा एक शिशु को 12 से 15 घंटे की नींद, टॉडलर्स को एक दिन में 11 से 14 घंटे सुलाना चाहिए। 3 से 5 साल के बच्चों को प्रतिदिन 10 से 13 घंटे सोना चाहिए। 6 से 12 साल के बच्चों को 9 से 12 घंटे सोना चाहिए। वहीं, 13 से 18 साल के किशोरों को प्रतिदिन 8 से 10 घंटे सोना चाहिए।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन सुझावों व उपायों पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।