बुर्के को लेकर केरल के एक कॉलेज ने दिया ऐसा आदेश, खड़ा हो गया विवाद

इसी बीच केरल के एक मुस्लिम कॉलेज ने गुरुवार को बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। छात्राओं से कहा गया है कि कॉलेज बुर्का पहनकर न आएं। मल्लापुरम में एक अल्पसंख्यक कॉलेज में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

Update: 2019-05-02 14:21 GMT

नई दिल्ली: श्रीलंका में हुए ईस्टर चर्च पर हमले के बाद वहां पर बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके बाद से देश भर में बुर्का पर बैन को लेकर बहस छिड़ी हुई है। शिवसेना व हिन्दू सेना ने मोदी सरकार से भारत में भी बुर्के पर बैन लगाने की मांग की है।

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इसी बीच केरल के एक मुस्लिम कॉलेज ने गुरुवार को बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। छात्राओं से कहा गया है कि कॉलेज बुर्का पहनकर न आएं। मल्लापुरम में एक अल्पसंख्यक कॉलेज में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। गौर हो कि शिवसेना ने सामना में आलेख लिखकर कहा कि था कि अगर रावण की लंका में बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है तो राम की अयोध्या में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है? इसके बाद देश भर में बुर्का पर चर्चा होने लगी।

इस पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना की मांग की आलोचना करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली पार्टी को यह पता होना चाहिए कि भारतीय संविधान के अनुसार सबको अपनी पसंद की चीजें चुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'शिवसेना के अनजान लोगों को मैं बताना चाहूंगा कि देश में पसंद एक मूलभूत अधिकार है।' आगे उन्होंने कहा कि यह आलेख समाज को बांटने और ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहा है।

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