कैंटीनों में विदेशी उत्पादों की बिक्री रोकने के फैसले पर पलटी सरकार, अब किया ये एलान

पैरामिलिट्री फोर्सेस की कैंटीनों में करीब एक हजार विदेशी उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी लगाने के फैसले पर केंद्र सरकार ने पलटी मार ली है।

Update:2020-06-01 19:24 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पैरामिलिट्री फोर्सेस की कैंटीनों में करीब एक हजार विदेशी उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी लगाने के फैसले पर केंद्र सरकार ने पलटी मार ली है। केंद्र सरकार की ओर से इन विदेशी उत्पादों की बिक्री पर एक जून से रोक लगाने का फैसला किया गया था मगर कुछ घंटे बाद ही गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी कर विदेशी उत्पादों की लिस्ट को होल्ड करने को कहा गया। मंत्रालय की ओर से कहा गया है की गैर स्वदेशी सामानों की नई सूची जल्द जारी की जाएगी। गृह मंत्रालय की ओर से इस बाबत 13 मई को घोषणा की गई थी। इसमें कहा गया था कि देश भर की 1700 सेंट्रल पुलिस या सीपीएस कैंटीनों में सिर्फ स्वदेशी उत्पाद ही बेचे जाएंगे।

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लाखों जवानों का परिवार करता है खरीदारी

पैरामिलिट्री फोर्सेज में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स के करीब 10 लाख से ज्यादा जवान हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि इन जवानों के परिवार के सदस्यों को मिला लिया जाए तो करीब पचास लाख से ज्यादा लोग पैरामिलिट्री फोर्सेस की कैंटीनों से खरीदारी करते हैं।

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मंत्रालय ने बनाई है तीन कैटेगरी

इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि अब ये जवान सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करेंगे। उनका कहना था कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे को मजबूत बनाने के लिए यह फैसला किया गया है। मंत्रालय की ओर से सामानों की तीन कैटेगरी बनाई गई थी। सबसे ज्यादा प्राथमिकता उन उत्पादों को दी जानी थी जो पूरी तरह से भारत में तैयार हुए हैं और भारतीय कंपनियों के होंगे।

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दूसरी श्रेणी में उन सामानों को रखा गया है जिन का कच्चा माल भले ही आयात किया जाता हो मगर उन का उत्पादन भारत में ही होता है। गृह मंत्रालय की ओर से इन्हीं दोनों श्रेणियों के उत्पादों की बिक्री किए जाने की मंजूरी दी गई थी। तीसरी श्रेणी में उन उत्पादों को रखा गया था जो पूरी तरह से विदेशी हैं और इनकी बिक्री पर पाबंदी लगाई गई थी। अब इस फैसले को वापस ले लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय की ओर से जल्द ही इस बाबत दूसरा एलान किया जाएगा।

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जवानों से की गई थी स्वदेशी की अपील

मंत्रालय की ओर से जवानों से भी अपील की गई थी कि वे विदेशी सामानों का पूरी तरह बहिष्कार करें और स्वदेशी सामान्य को प्रोत्साहित करें। मंत्रालय की ओर से इन कैंटीनों में डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, नेस्ले इंडिया, एचयूएल फूड्स जैसी कंपनियों कए एक हजार से अधिक उत्पादों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। कहा गया था कि संबंधित उत्पादों की एक जून से कैंटीनों में बिक्री नहीं होगी क्योंकि ये स्वदेशी नहीं है।

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मोदी ने दिया था आत्मनिर्भर भारत का नारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे के बाद यह कदम उठाया गया था। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए आत्मनिर्भर भारत का बड़ा नारा दिया था। मोदी का कहना था कि कोरोना संकट के इस काल में हमें लोकल ने ही बचाया है। उनका कहना था कि जो उत्पाद आज ग्लोबल बन चुके हैं, वे भी कभी लोकल ही थे और इसलिए हमें लोकल उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।

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