सवालों में घिरती जा रही शिवसेना, कंगना के बाद पिटाई के मामले ने पकड़ा तूल
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शिवसैनिकों द्वारा पूर्व नौसेना अफसर मदन शर्मा की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
अंशुमान तिवारी
मुंबई: महाराष्ट्र में हाल के दिनों में हुई घटनाओं के कारण शिवसेना लगातार घिरती जा रही है और पार्टी को इन सवालों का कोई वाजिब जवाब भी नहीं सूझ रहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शिवसैनिकों द्वारा पूर्व नौसेना अफसर मदन शर्मा की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हालांकि शिवसेना की ओर से संजय राउत ने मोर्चा संभाल रखा है मगर उनका जवाब किसी के गले नहीं उतर रहा है। इस बीच सेना के पूर्व अधिकारियों ने उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, कंगना के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने का मामला राजभवन तक पहुंच चुका है।
ये भी पढ़ें: IPS ने की हत्या! आरोप लगाने वाले कारोबारी की मौत, अखिलेश ने उठाए सवाल
राजभवन तक पहुंचा कंगना का मामला
कंगना रनौत के साथ संजय राउत के वाक युद्ध में उलझने के बाद अभिनेत्री के दफ्तर पर बुलडोजर चलाने का मामला अब राजभवन की दहलीज तक पहुंच चुका है। कंगना ने इस मामले को लेकर रविवार को राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कंगना ने कहा कि वे यहां के गार्जियन है और सियासत से मेरा कोई लेना देना नहीं है। मेरे साथ उद्धव सरकार की ओर से अभद्र व्यवहार किया गया है और मैंने इस बाबत राज्यपाल के सामने अपनी बातें रखी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बेटी की तरह मेरी बातें सुनी और मुझे उनसे न्याय की उम्मीद है।
राज्यपाल से इंसाफ की उम्मीद
उन्होंने कहा कि एक आम आदमी की तरह मैं अपनी फरियाद लेकर राज्यपाल के पास गई थी और मुझे पूरा भरोसा है कि सरकार की ओर से किए गए गलत व्यवहार के मामले में मुझे इंसाफ मिलेगा। अब हर किसी की नजर राज्यपाल पर टिकी है।
ये भी पढ़ें: हंगामेदार होगा संसद का मानसून सत्र, एलएसी सहित इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष
जानकार सूत्रों का कहना है कि अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्यपाल की ओर से इस घटना के संबंध में केंद्र को कोई रिपोर्ट भेजी जाती है या नहीं और यदि रिपोर्ट भेजी जाती है तो राज्यपाल उसमें क्या बात लिखते हैं।
पूर्व सैन्य अफसरों ने खोला मोर्चा
इस बीच पूर्व नौसेना अफसर मदन शर्मा की शिवसैनिकों की ओर से की गई पिटाई का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर सेना के पूर्व अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन पूर्व सैन्य अफसरों की ओर से जारी किए गए बयान में इस बात पर अफसोस जताया गया है कि एक पूर्व नेवी अधिकारी मदन शर्मा गुंडों के खिलाफ असहाय नजर आ रहे हैं।
पूर्व सैन्य अफसरों ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शर्मा की बुरी तरह पिटाई की और उन्हें चोट लगने के साथ ही उनके सम्मान को भी धक्का लगा। इन अफसरों ने कहा कि देश के लिए त्याग और शौर्य का परिचय देने वाले पूर्व सैन्य अफसर इस तरह मारपीट सहने के हकदार नहीं हैं जैसा मदन शर्मा के केस में हुआ है।
शिवसैनिकों की बेल पर उठाए सवाल
इन पूर्व सैन्य अफसरों ने मारपीट की घटना करने वाले शिव सैनिकों को मिनटों में बेल मिलने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इससे चोट के साथ-साथ सम्मान को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने सरकार से गुंडागर्दी के खिलाफ सख्ती दिखाने की मांग करते हुए मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के रवैये को दुखद बताने के साथ ही उसकी निंदा की है।
शिवसेना के गले की फांस बने मामले
कंगना रनौत के मामले के बाद नौसेना के पूर्व अफसर की पिटाई का यह मामला शिवसेना के गले की फांस बनता जा रहा है और शिवसेना को इनका जवाब नहीं सूझ रहा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले को लेकर बड़ी लापरवाही से जवाब देते हुए कहा कि महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है और ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है।
रक्षा मंत्री के फोन से राउत खफा
अपने जवाब के दौरान राउत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति अपनी खीझ भी दिखाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में पूर्व नौसेना अफसर मदन शर्मा से बातचीत कर कहा था कि ऐसे हमले अस्वीकार्य हैं। राजनाथ सिंह के फोन करने पर सवाल उठाते हुए राउत ने कहा कि यूपी में कितने पूर्व सैनिकों पर हमले हुए हैं, लेकिन रक्षा मंत्री ने उन्हें फोन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आप जिस तरह से बात करते हो या कीचड़ उछालते हो और उसके बाद अगर लोगों के मन में गुस्सा पैदा होता है तो फिर उसे सरकार से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें: कोविड 19 की नई दवा: ये कंपनी कर रही मार्केट में लाने की तैयारी, फेज 1 सफल