कौन है मोह बाई! हथियारों की बड़ी महिला सप्लायर, इंडियन पुलिस को है तलाश  

मोह बाई मध्‍य प्रदेश के उमारती गांव की रहने वाली है। ये गांव अब एनसीआर, यूपी, महाराष्‍ट्र और झारखंड के लिए अवैध हथियार बनाने और सप्‍लाई करने का गढ़ बन गया है। इससे पहले इन जगहों पर मुंगेरी कट्टे की बहुत मांग थी, लेकिन हर समय निगरानी और जगह-जगह बढ़ती चैकिंग के कारण इसकी मांग घटती जा रही है।

Update:2023-05-26 17:23 IST

नई दिल्‍ली: हथियारों की तस्करी करने वाली 40 वर्षीय मोह बाई की तलाश दिल्ली पुलिस को काफी दिनों से है । ये महिला इतनी शातिर है की उसको पहचान पाना आम आदमी के बस की बात नहीं है । क्योंकि उसको देखेंगे तो आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि साधारण कपड़ों में दिखने वाली ये महिला एक घोषित अपराधी है।

यह महिला यूपी और एनसीआर में शातिर अपराधियों को अवैध हथियार सप्‍लाई करती है। ये महिला अपने साधारण व्‍यवहार से लोगों को धोखा देने में अक्‍सर कामयाब हो जाती है। एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्‍सों में पहुंचकर ये आसानी से लोगों तक अवैध हथियार पहुंचा देती है।

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मध्‍य प्रदेश के उमारती गांव की रहने वाली है मोह बाई

मोह बाई मध्‍य प्रदेश के उमारती गांव की रहने वाली है। ये गांव अब एनसीआर, यूपी, महाराष्‍ट्र और झारखंड के लिए अवैध हथियार बनाने और सप्‍लाई करने का गढ़ बन गया है। इससे पहले इन जगहों पर मुंगेरी कट्टे की बहुत मांग थी, लेकिन हर समय निगरानी और जगह-जगह बढ़ती चैकिंग के कारण इसकी मांग घटती जा रही है। अब हथियारों के पुर्जे और रॉ मटेरियल मुंगेर से सप्‍लाई होते हैं और मेरठ, गाजियाबाद समेत कुछ दूसरी जगहों पर हथियार बनते हैं।

सूत्रों के अनुसार, मोह बाई के गांव उमारती की सीमा महाराष्‍ट्र से लगती है। यहां पर हर महीने 150 हथियार बनते हैं। इसमें ज्‍यादातर सेमी ऑटोमेटिक पिस्‍टल और वन शॉट पिस्‍टल रहती हैं। सेमीऑटोमेटिक पिस्‍टल 15 से 20 हजार में मिलती है। वहीं वन शॉट पिस्‍टल 3000 में मिलती है। इस गांव में कई गांववाले ही अब हथियारों के सप्‍लायर्स बन चुके हैं। मोह बाई भी इनमें से एक है।

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बहुत ही साधारण तरीके से हथियारों को एक साधारण बैग में लेकर चलती है

हथियार सप्‍लाई करने की मोह बाई की तरकीब बहुत ही साधारण है। वह हथियारों को एक साधारण बैग में लेकर चलती है। ज्‍यादातर बस, ऑटोरिक्‍शा में सफर करती है। किराए के लिए उसी तरह बहस करती है, जैसे सामान्‍य तौर पर दूसरी सवारियां करती हैं। कोई देखकर उसे नहीं कह सकता कि वह बैग में हथियार लेकर चलती है।

स्‍पेशल सेल के एक अधिकारी के मुताबिक वह दिल्‍ली आने के लिए कभी भी सीधे बस नहीं लेती है। वह बीच में दो तीन जगहों पर रुकते हुए सफर करती है। वह उमारती से पहले ग्‍वालियर आती है। इसके बाद वह आगरा के लिए बस पकड़ती है, इसके बाद दिल्‍ली के लिए बस में बैठती है। चैकिंग से बचने के लिए वह ट्रेन से सफर नहीं करती। वह कभी डायरेक्‍ट दिल्‍ली की बस नहीं पकड़ती।

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एक बार के लिए 3000 रुपए का चार्ज

हथियार सप्‍लाई करने के लिए वह हर बार 3000 या उससे ज्‍यादा रुपए चार्ज करती है। इसके अलावा रेट इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि वह कितने के हथियार लेकर जा रही है। दिल्‍ली की स्‍पेशल सेल द्वारा उसे दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है। पहली बार 2014 में उसे सेमी ऑटोमेटिक पिस्‍टल के साथ पकड़ा गया था।

महीने भर में ही जमानत पर बाहर आ गई थी। हर बार वह यही वादा करती है कि अब वह इस काम को नहीं करेगी, लेकिन छूटने के बाद फिर से वह इस काम को शुरू कर देती है।

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दूसरी बार मोह बाई को जुलाई 2017 में गिरफ्तार किया गया था। तब उसके पास से 14 सेमीऑटोमेटिक पिस्‍टल बरामद की गई थी। इनकी दिल्‍ली में डिलीवरी की जानी थी। थोड़े दिनों बाद छूटने पर वह फिर से इस काम में लग गई है। उसने जो मोबाइल नंबर दिया था, वह अब स्‍विच ऑफ है। कहा जा रहा है कि वह फिर से हथियारों की सप्‍लाई शुरू कर चुकी है। दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल को उसकी तलाश है।

 

 

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