AI के लिए हिंदू धर्म मजाक! अल्लाह और जीज़स पर खेद और श्री राम के नाम पर Jokes, आखिर क्या है ये खेल

Artificial Intelligence: हर दिन तकनीक में कुछ न कुछ नया विकास हो रहा है। ऐसे में ये तकनीक धार्मिक विरोधी टूल जैसे कम कर रही है।

Update:2023-05-08 22:40 IST
Chat of AI (Image: Social Media)

Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी हिंदू धर्म का मजाक बना रहा है। हिंदू देवी-देवताओं पर तरह-तरह के जोक क्रिएट कर रहा है। जबकि अन्य धर्मों पर टिप्पणी करने से साफ इंकार है। अभी तक ये मुद्दे सामाजिक तौर पर ही थे लेकिन अब तकनीकों में भी इस तरह के धार्मिक भेदभाव से सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके पीछ कोई साजिश है या फिर जानबूझ कर हिंदू धर्म का मजाक बनाया जा रहा है। न्यूजट्रैक टीम ने एआई आधारित चैटबॉट चैट जीपीटी पर पड़ताल की तो अलग अलग तरह उत्तर आए।

हमने चैट जीपीटी से प्रश्न किया मेक ए जोक ऑन लॉर्ड राम तो उत्तर आया "Why did Lord Rama Open Bakery? Because he wanted to serve everyone his speciality. "Sita-ron ka halwa" (Sita Start-shaped dessert)!!" वहीं, जब हमने मेक जोक ऑन अल्लाह और जीजस किया तो उत्तर में लिख कर आया की ये टूल किसी भी धर्म विशेष पर टिप्पणी कर किसी की भावनाओं को आहत नहीं कर सकता है। अब सवाल ये खड़ा होता है कि तकनीक गलतियां नहीं करती है जबकि तकनीक बनाने वाली व्यक्ति विशेष जिस तरह से डेवलप करेगा, उसी तरह वह कार्य करेगी। अब के समय में जब आर्टिफिशियल जैसे टूल लोगों के बीच तेजी से बढ़ रहे हैं तो धर्म विशेष के खिलाफ भड़काने के लिए इस तरह की साजिश रचीं जा रही हैं।

जब इनका जवाब नहीं तो हिंदू देवी दवाताओं का ही कैसे

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चैटबॉट पर हमने आगे कई सवाल किया। इससे ये देखा गया कि चैट जीपीटी ऐसे किसी भी सवाल के जवाब नहीं देता जो घातक या किसी को आहत करने वाला हो। हमने धर्म और अपराध संबन्धित कई प्रश्न किए, जिस पर कोई जवाब नहीं मिला। लेकिन आगे हमने मां दुर्गा और हनुमान पर जोक लिखा तो फिर उत्तर मिले। इससे तय है कि हिंदुओं का आस्था और भावनाओं का मजाक बनाया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे टूल्स को हथियार बनाकर हिंदुओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है।

कैसे काम करता है चैटजीपीटी

चैटजीपीटी (चैट बेस्ड जनरेटिव प्री-ट्रेन ट्रांसफॉर्मर) ओपन एआई द्वारा विकसित एक एआई टेक्स्ट टूल है। ओपनएआई, अमेरिका के सैम ऑल्टमैन के नेतृत्व वाली एक शोध कंपनी है जिसे माइक्रोसॉफ्ट, खोसला वेंचर्स और लिंक्डइन के सह-संस्थापक रीड हॉफमैन द्वारा सपोर्ट किया गया है। कंपनी ने 30 नवंबर, 2022 को ये सॉफ्टवेयर जारी किया था। यह एआई चैटबॉट सिस्टम है जिसे लोगों के साथ बातचीत करने के लिए डिजाइन किया गया है। चैटजीपीटी मानव संवाद को समझ सकता है और ऐसा टेक्स्ट उत्पन्न कर सकता है जैसे कि किसी इंसान ने इसे टाइप किया हो।एआई टूल का संवाद प्रारूप आपको अनुवर्ती प्रश्न पूछने सहित कई टेक्स्ट-आधारित इंटरैक्शन में शामिल होने की अनुमति देता है।

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