Rahul Gandhi Remark: इंदिरा गांधी की जयंती के कारण वर्ल्ड कप फाइनल हारी टीम इंडिया, राहुल की पनौती टिप्पणी के बाद असम के CM हिमंत का जवाब
Rahul Gandhi Remark: तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के सिलसिले में चारमीनार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की हार का प्रमुखता से जिक्र किया।
Rahul Gandhi Remark: आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारत की हार के बाद शुरू हुए सियासी हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की ओर से पीएम मोदी को पनौती बताए जाने के बाद अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी वर्ल्ड कप फाइनल में भारत की हार का कारण बताया है।
उन्होंने कहा कि भारत को इस महत्वपूर्ण मुकाबले में इसलिए हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती थी। उन्होंने कहा कि हम बीसीसीआई से यह बात कहना चाहेंगे कि भविष्य में कोई भी फाइनल मुकाबला उसे दिन न आयोजित किया जाए जिस दिन नेहरू-गांधी परिवार के किसी सदस्य की जयंती हो।
इंदिरा गांधी की जयंती के कारण हारा भारत
तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के सिलसिले में चारमीनार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की हार का प्रमुखता से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया यह मैच काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह वर्ल्ड कप फाइनल की भिड़ंत थी। पूरी दुनिया की निगाहें इस मैच पर लगी हुई थीं मगर भारत को इस महत्वपूर्ण मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि फाइनल मुकाबले से पूर्व खेले गए मैचों में टीम इंडिया ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए सारे मैच जीते थे। फिर मैंने इस हार का कारण जानने की कोशिश की। मैंने यह जानने का प्रयास किया कि उस दिन आखिर क्या था कि हम हार गए। हम हिंदू हैं और हमारे लिए दिन का काफी महत्व है। खोजबीन करने पर मैंने पाया कि विश्व कप का फाइनल मुकाबला ऐसे दिन खेला गया जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती थी।
बीसीसीआई को समझदारी से दिन चुनना चाहिए
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दिन इंदिरा गांधी की जयंती होने के कारण टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसलिए हम बीसीसीआई से भी यह कहना चाहते हैं कि अगर आपको विश्व कप के फाइनल मुकाबले का आयोजन करना है तो आपको पहले ही हिसाब-किताब कर लेना चाहिए। वह महत्वपूर्ण दिन नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए नहीं तो भारत को हार का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से भी अपील कि उन्हें इंटरनेट पर यह खोजना चाहिए कि आखिर उस दिन क्या था। खोजने पर आपको मिलेगा कि उस दिन इंदिरा गांधी की जयंती थी। इंदिरा गांधी ने ही इस देश में इमरजेंसी लगाई थी जिसकी वजह से लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसलिए बीसीसीआई को फाइनल मुकाबले के दिन का चयन काफी सोच समझकर करना चाहिए।
राहुल की पनौती टिप्पणी का नहीं किया जिक्र
हालांकि अपने संबोधन के दौरान सरमा ने राहुल गांधी की ओर से की गई पनौती संबंधी टिप्पणी का कोई जिक्र नहीं किया। राहुल गांधी ने मंगलवार को राजस्थान की चुनावी सभा में कहा था कि पीएम का मतलब पनौती मोदी है। उनका कहना था कि वर्ल्ड कप में हमारे लड़के अच्छा खासा खेल रहे थे मगर पनौती के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर खासा विवाद पैदा हो गया है और भाजपा ने राहुल पर तीखे हमले किए हैं। भाजपा ने राहुल गांधी की टिप्पणी को शर्मनाक और अपमानजनक बताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है। हालांकि राहुल गांधी ने अभी तक इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगी है।
भाजपा के राज में खत्म होगा तुष्टिकरण
असम के मुख्यमंत्री ने एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी की ओर से एक पुलिस अफसर को धमकी दिए जाने का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनेगी तो किसी को पुलिस अफसर का इस तरह अपमान करने की हिम्मत होगी? उन्होंने कहा कि तेलंगाना की सरकार तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है और यदि भाजपा की सरकार बनी तो तुष्टिकरण का यह दौर खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि ओवैसी का वीडियो देखकर मैं हैरान रह गया। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ बीआरएस और कांग्रेस के लोग समाज के एक वर्ग को खुश करने के लिए काम कर रहे हैं और उनके लिए समाज के अन्य वर्गों का जैसे कोई अस्तित्व ही नहीं है। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के लोगों को राज्य में सरकार बदलने के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि राहुल गांधी और प्रियंका हमास के बारे में कोई टिप्पणी क्यों नहीं करते। दरअसल इन दोनों नेताओं को देश के भीतर हमास के नाराज हो जाने का खतरा महसूस होता है। उन्होंने राज्य में भाजपा की सरकार बदलने पर हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किए जाने की बात भी कही।