अयोध्या में श्रीराम मंदिर का इस दिन भूमि पूजन करेंगे PM मोदी, ये है पूरा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री कार्यालय ने पांच अगस्त को नरेंद्र मोदी के राम की नगरी में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम तय कर दिया है। श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त की तारीख तय हुई है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम की तारीख पर अपनी मुहर लगाते हुए इस कार्यक्रम की आखिरी बाधा पार करा दी है। इसी के साथ प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में आने को लेकर उत्पन्न संशय समाप्त हो गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने पांच अगस्त को नरेंद्र मोदी के राम की नगरी में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम तय कर दिया है। श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त की तारीख तय हुई है। देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी इस दिन अयोध्या जाएंगे।
पीएम मोदी पांच अगस्त को सुबह 11 बजे से दोपहर 3:10 बजे तक अयोध्या में रहेंगे। इस दौरान अयोध्या में श्रीराम मंदिर के स्थल पर पांच अगस्त को प्रार्थना और श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन समारोह से संबंधित अन्य अनुष्ठान सुबह 8 बजे शुरू होंगे। यहां पर भूमि पूजन काशी के पुजारी सम्पन्न कराएंगे। भूमि पूजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ही मंदिर की आधारशिला भी रखेंगे।
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इस कार्यक्रम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो की चांदी की श्रीराम शिला समर्पित करेंगे। मोदी इस शिला का पूजन करके इसे स्थापित करेंगे।
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया था। ट्रस्ट के आग्रह को स्वीकार करने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने पांच अगस्त का कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। यह भी कहा गया है कि पांच अगस्त को नरेंद्र मोदी करीब चार घंटा रामनगरी अयोध्या में रहेंगे। यह भी जानकारी दी गई है कि 5 अगस्त को मोदी श्रीराम मंदिर का भूमि व शिलान्यास करने के साथ ही राम की नगरी में पर्यटन पर भी कार्यक्रम देखेंगे।
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5 अगस्त की तारीख इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गत वर्ष पांच अगस्त को ही कश्मीर से धारा 370 संशोधित कर कुछ उपबंध हटाए गए थे। इस लिए यह तिथि और अहम मानी जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि श्रीराम नाम का मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि का योग का है। इस मुहूर्त में भूमि पूजन से सर्वार्थ की सिद्धि प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय होते ही श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए लखनऊ आ गए हैं। चंपत राय योगी आदित्यनाथ से भूमिपूजन की तैयारियों के साथ रामजन्मभूमि के संपूर्ण परिसर की विकास योजनाओं को लेकर मंत्रणा करेंगे।
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यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 70 एकड़ के परिसर में राममंदिर का निर्माण बमुश्किल एक एकड़ में होना है, शेष भूमि का किस तरह उपयोग होगा, यह बातचीत का मुख्य मुद्दा रहेगा। इस भेंट में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर भी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन में प्रधानमंत्री ताम्र कलश स्थापित करेंगे। ताम्र कलश में वैदिक रीति के मुताबिक गंगा जल के साथ सभी तीर्थों के जल, सर्वऔषधि, पंच रत्न जिनमें हीरा, पन्ना, माणिक, सोना और पीतल रखे जाएंगे। इसके साथ पाताल लोक के राजा शेषनाग और शेषावतार की प्रसन्नता के लिए चांदी के नाग-नागिन, भूमि के आधार देव भगवान विष्णु के कच्छप अवतार के प्रतीक कछुआ भी नींव में स्थापित होंगे।
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मंगल कलश में सेवर घास रखकर सभी तीर्थों सहित गंगा जल से कलश को भरा जाएगा। इसके बाद वैदिक वास्तु पूजन और विधान के अनुसार कलश स्थापित करने के बाद नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की पांच ईंटों/ शिलाओं की पूजा की जाएगी। वैदिक पूजन के बाद ही सारी सामग्री नींव में स्थापित कर मंदिर का औपचारिक निर्माण आरंभ किया जाएगा। इस प्रकार श्रीराम मंदिर निर्माण का श्रीगणेश होगा।
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