बड़ा फैसला: बंद होंगे पुराने वाहन, प्रदूषण पर सरकार गंभीर

बता दें कि सरकार ने केवल राजधानी पटना में 15 साल पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों को ही बैन किया है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में निजी वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगाई है।

Update: 2019-11-04 16:08 GMT

बिहार: देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं, लगभग पूरा देश प्रदूषण की चपेट में हैं। कुछ ऐसे ही हालात बिहार की राजधानी पटना की भी है। हालांकि बिहार सरकार ने इस पर तत्काल एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई और आलाधिकारियों के साथ प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा की।

बैठक में सरकार ने प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि सरकार ने निजी और व्यावसायिक वाहनों के साथ थोड़ी रियायत बरती है।

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बता दें कि सरकार ने केवल राजधानी पटना में 15 साल पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों को ही बैन किया है। इसके अलावा पूरे प्रदेश में निजी वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगाई है। 15 साल पुराने निजी वाहनों के परिचालन के लिए प्रदूषण की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बुलाई गई आपात बैठक में पर्यावरण और वन मंत्रालय संभाल रहे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन अशोक घोष, पटना के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के साथ ही जिलाधिकारी कुमार रवि भी मौजूद रहे।

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में भी बढ़े प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया है।

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