BJP ने मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया, 11-12 जून को बैठक...अमित शाह-नड्डा देंगे 'जीत का मंत्र'

BJP Meeting of CMs and Deputy CMs: बीजेपी आगामी चुनावों की तैयारियों में जुटी है। दिल्ली में 11 और 12 जून को बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक होने जा रही है। इसके सियासी कई मायने हैं। जानें क्या?

Update:2023-06-10 17:38 IST

BJP Meeting of CMs and Deputy CMs: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) होने हैं। इसके ठीक पहले अर्थात इस साल के अंत तक 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे। राजनीतिक नजरिये से देखें तो अभी से एक वर्ष देश में चुनाव ही चुनाव होने हैं। ऐसे में देश का सियासी तापमान चढ़ना स्वाभाविक है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनावी तैयारी की दिशा में कदम भी बढ़ा दिया है।

भारतीय जनता पार्टी ने 11 और 12 जून को बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), पार्टी महासचिव बीएल संतोष समेत राज्य संगठनों के सचिव शामिल होंगे। गौरतलब है कि, विपक्षी पार्टियां भी 23 जून को पटना में एक बड़ी बैठक करने जा रही है। पटना बैठक में देश भर से विपक्षी दलों के बड़े नेता पहुंचेंगे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) भी बैठक में जा सकते हैं।

बीजेपी की बैठक में क्या?

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 11 और 12 जून को बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की मीटिंग होगी। इस बारे में पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता का कहना है कि सभी मुख्यमंत्रियों और डिप्टी सीएम को बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया है। पार्टी तथा संबंधित राज्य सरकार के बीच तालमेल, सरकारी योजनाओं (Modi Govt. Schemes) के प्रचार-प्रसार, लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति पर रिपोर्ट भी मांगी गई है। सभी से चुनाव में जीत के लिए 'अभिनव विचार' मांगे गए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य प्रभारियों से सरकार तथा संगठन के बीच की दिक्कतों से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी गई है। इसके साथ-साथ सांसदों और विधायकों के कामकाज को लेकर भी चर्चा होगी।

...ताकि मुंह की न खानी पड़े

भाजपा सूत्र ने बताया कि, 'राज्य सरकार की केंद्र और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक में बीजेपी शासित राज्यों (BJP Ruled States) के उन प्रोजेक्ट्स की डिटेल भी मांगी गई है, जिन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी है। इसका मकसद, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 'विकास के मुद्दे' पर कहीं से भी भारतीय जनता पार्टी को मुंह की न खानी पड़े। शीर्ष नेतृत्व राज्यों से तालमेल बेहतर कर बीजेपी शासित राज्यों में अपनी पकड़ और मजबूत बनाना चाहती है। आपको बता दें, वर्तमान समय में देश के 10 राज्य ऐसे हैं, जहां बीजेपी के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा पांच राज्यों में बीजेपी गठबंधन की सरकार है।

बीजेपी को बैठक बुलाने की जरूरत क्या थी?

भाजपा को आखिर इस बैठक को बुलाने की जरूरत क्यों आन पड़ी? पहली बात, भारतीय जनता पार्टी की पहचान एक ऐसी पार्टी के रूप में है जो किसी भी वक़्त चुनाव के लिए तैयार रहती है। 2014 के बाद बीजेपी की चुनावी आक्रामकता एक अलग स्तर पर नजर आ रही है। 2014 में देश में मोदी लहर थी। 2019 लोकसभा चुनाव में भी एक अलग तरह की लहर थी। लेकिन मौजूदा वक्त में स्थिति थोड़ी बदली हुई है। विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने में जुटी है। साथ ही, आगामी 23 जून को विपक्ष की बड़ी बैठक होने जा रही है। उस मीटिंग में विपक्ष के लगभग सभी बड़े दल शामिल हो रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए भी जरूरी है कि वह उसका जवाब दे।

पार्टी के भीतर सब ठीक तो है !

जानकार ये भी मानते हैं कि, आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व इस बात की पुष्टि कर लेना चाहता है कि जहां-जहां उसकी सरकार है, वहां-वहां पार्टी के भीतर सब ठीक चल रहा है या नहीं? लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। पार्टी ये भी नहीं चाहती है कि चुनाव नजदीक आते ही पार्टी के भीतर अंतर्कलह हो और इसका खामियाजा उसे उठाना पड़े।

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