भाजपा ने लगाया पुराने चेहरे पर दांव, लोहरदगा से लड़ रहे पहली बार कांग्रेस के सुखेदव
रांची। झारखंड में १४ सीटों के मतदान का सिलसिला २९ अप्रैल से शुरू होगा। २०१४ के चुनाव में झारखंड में भाजपा ने १२ व झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दो सीटें जीती थीं। २०१९ में चुनाव के पहले चरण में राज्य की तीन सीटों पर मतदान होना है। २०१४ में ये तीनों सीटें भाजपा ने जीती थीं। राजनीतिक नफा-नुकसान और समीकरण को तौलते हुए भाजपा ने इन सीटों पर प्रत्याशी बदले नहीं हैं। भाजपा ने पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है। पलामू से वर्तमान सांसद बी.डी. राम, लोहरदग्गा से केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत और चतरा से सुनील सिंह फिर से मैदान में हैं। दूसरी ओर यूपीए ने नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। यूपीए के घटक दल कांग्रेस और राजद के खाते में ये सीटें हैं।
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लोहरदग्गा
कांग्रेस ने लोहरदग्गा से विधायक सुखदेव भगत को मौका दिया है। लोहरदग्गा उपचुनाव में जीत के बाद पार्टी में सुखदेव का कद बढ़ा है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार कांग्रेस ने रामेश्वर उरांव को मौका दिया था। वह लगातार दो बार लोहरदग्गा सीट से हारे हैं। पिछले चुनाव में वह भाजपा के सुदर्शन भगत से लगभग सात हजार वोट से हारे थे। इस सीट से इस बार झामुमो विधायक चमरा लिंडा चुनाव मैदान में नहीं हैं। 2014 में चमरा लिंडा एक लाख 36 हजार से अधिक वोट लाए थे। 2009 में वह दूसरे स्थान पर थे। चमरा सिर्फ आठ हजार वोट से भाजपा के सुदर्शन भगत से हार गए थे। चमरा लिंडा तृणमूल कांग्रेस व निर्दलीय चुनाव लड़ कर भी चौंकाते रहे हैं। बहरहाल, इस बार नाम वापसी के बाद अब चुनावी मैदान में 14 प्रत्याशी हैं। जिसमें चार प्रत्याशी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के हैं, जबकि 10 प्रत्याशी निर्दलीय हैं।
पलामू
पलामू में राजद का प्रत्याशी मैदान में है। पिछले लोकसभा चुनाव में पलामू से झाविमो के उम्मीदवार रहे घुरन राम को राजद ने इस बार उम्मीदवार बनाया है, जबकि पिछली बार राजद ने मनोज कुमार भुइयां को मौका दिया था। वह दो लाख वोट पा कर दूसरे स्थान पर रहे थे। पलामू में कुल 19 प्रत्याशी मैदान में है। यहां 24 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसमें जांच के दौरान चार का नामांकन रद्द कर दिया गया। नाम वापस लेने के दिन निर्दलीय प्रत्याशी हीरा राम तूफानी ने अपना नाम वापस ले लिया। यानी अब कुल 19 प्रत्याशी चुनावी समर में हैं। चतरा
चतरा में यूपीए की तस्वीर बदली है। राज्य की 14 लोकसभा सीटों में चतरा एकमात्र सीट है, जहां यूपीए के दलों के बीच दोस्ताना मुकाबला है। यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी। यहां राजद ने सुभाष यादव को इस बार उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने बरही के विधायक मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार इस सीट से वर्तमान राज्यसभा सांसद धीरज साहू चुनाव लड़े थे और उन्हें एक लाख 17 हजार से अधिक वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस और राजद के प्रत्याशी आमने-सामने होंगे जिससे भाजपा को राहत मिलेगी। चतरा में 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान है। इन सभी को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया गया है। प्रत्याशी ज्यादा होने के कारण दो इवीएम मशीन का उपयोग किया जाएगा।
झारखंड में १४ निर्वाचन क्षेत्रों में चौथे, पांचवें, छठवें और सातवें चरण में मतदान होगा
२९ अप्रैल : चतरा, लोहरदग्गा, पलामू
०६ मई : कोडरमा, रांची, खूंटी, हजारीबाग
१२ मई : गिरिडीह, धनबाद, जमशेदपुर, सिंहभूम
१९ मई : राजमहल, दुमका, गोड्ड
जेल से चुनाव लड़ेंगे पलामू के पूर्व सांसद जोरावर राम
पलामू लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद जोरावर राम जेल में रहकर चुनाव लड़ रहे हैं। जोरावर राम 1989 में जनता दल के टिकट पर इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार नामांकन शुरू होने के दूसरे दिन अदालत ने एक आपराधिक मामले में उन्हें जेल भेजा था। वह फिलहाल जेल में बंद हैं और जेल में ही रहकर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया है। राम भूमि विवाद को लेकर हुई मारपीट के एक मामले में जोरावर अभियुक्त थे और जमानत पर रिहा थे मगर उनकी जमानत को अदालत ने रद्द कर दिया था। मामला वर्ष 2011 में चैनपुर थाना में दर्ज हुआ था। इसी मामले में राम ने अदालत में गत दो अप्रैल को आत्मसमर्पण कर जमानत की गुहार लगाई थी, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था और उन्हें जेल भेज दिया। इस लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद बीडी राम और गठबंधन के उम्मीदवार के बीच होने की संभावना है।