तिरंगे को लेकर जंग: भिड़े शशि थरूर-वरुण गांधी, यूएस कैपिटल मामले पर घमासान
यूएस कैपिटल के पास तिरंगा लहराने वाला शशि थरूर का जानने वाला है। गुरुवार को वरुण गांधी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि वहां भारतीय झंडा क्यों है?
नई दिल्ली: बुधवार को अमेरिकी संसद भवन में हुए ट्रंप समर्थकों के हंगामे की पूरी दुनिया में चर्चा है, लेकिन भारत में सोशल मीडिया पर माहौल उस वक्त गर्म हो गया। जब यूएस कैपिटल पर ट्रंप समर्थकों के हंगामे के बीच से तिरंगे की तस्वीर सामने आई। सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस चल पड़ी कि ट्रंप समर्थकों के उपद्रव में भारतीय तिरंगे की क्या जरूरत थी। इसको लेकर बीजेपी सासंद वरुण गांधी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच भी ट्विटर पर 'जंग' शुरू हो गई।
वरुण गांधी का ट्वीट
वरुण गांधी ने ट्विटर पर एक फोटो ट्वीट करते हुए बताया कि यूएस कैपिटल के पास तिरंगा लहराने वाला शशि थरूर का जानने वाला है। गुरुवार को वरुण गांधी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि वहां भारतीय झंडा क्यों है? यह एक ऐसी लड़ाई है, जिसका भारत कभी भी हिस्सा नहीं बनना चाहता है।
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शशि थरूर का जवाब
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी वरुण गांधी को जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा- 'मैं इसका समर्थन नहीं करता हूं। क्या आप अपने हर शुभचिंतक के गुमराह कार्यों के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं? मैं अपने देश के प्रिय झंडे को शर्मनाक अमेरिकी भीड़ में लाने के किसी भी प्रयास की निंदा करता हूं
बता दें कि सिर्फ वरुण गांधी और शशि थरूर ही नहीं बल्कि कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने अमेरिकी हिंसा में तिरंगा दिखने को लेकर चिंता जाहिर की है और इसे गलत बताया है।
अमेरिकी संसद भवन पर ट्रंप समर्थकों के हंगामे के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक विडियो ट्वीट किया और लिखा- 'वहां पर भारतीय झंडा क्यों है? ये एक ऐसी लड़ाई है जिसका भारत कभी भी हिस्सा नहीं बनना चाहता है।' वरुण गांधी के इस ट्वीट पर कांग्रेस नेता थरूर ने ट्वीट करते हुए तंज कसा था।
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थरूर ने कहा- दुर्भाग्यवश
वरुण गांधी के ट्वीट पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जवाब देते हुए लिखा, दुर्भाग्यवश, कुछ भारतीय भी ट्रंप के इन समर्थकों जैसी मानसिकता वाले हैं, जो तिरंगे को सम्मान के बजाय एक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। जो उनसे सहमत नहीं होता है, उसे ऐंटी-नैशनल करार देते हैं। वहां पर दिख रहा वह झंडा हम सभी के लिए चेतावनी है।
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बता दें कि गुरुवार को अमेरिकी संसद परिसर में हुए डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हंगामे और हिंसा की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। पीएम मोदी समेत दुनियाभर के कई नेताओं ने इस घटना की आलोचना भी की।