पहले ही दिन ऑफिस से गायब रहे प्रसून जोशी, कामकाज में आई रुकावट

पिछले सप्ताह प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें सोमवार से ऑफिस जॉइन करना था, लेकिन वे पहले दिन ही गायब रहे। इससे ऑफिस में कामकाज को लेकर रुकावटें आई।

Update: 2017-08-16 10:04 GMT

नई दिल्ली : पिछले सप्ताह प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें सोमवार से ऑफिस जॉइन करना था, लेकिन वे पहले दिन ही गायब रहे। इससे ऑफिस में कामकाज को लेकर रुकावटें आई।

दरअसल, सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी अपने जाने से पहले कई फिल्मों को सर्टिफिकेट देकर गए हैं। इनमें इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली फिल्में 'बरेली की बर्फी' और 'अ जेंटलमैन' भी थीं।

नियम के अनुसार इन फिल्मों के प्रोड्यूसर्स को सोमवार को अपने सर्टिफिकेट कलेक्ट करने थे। लेकिन सोमवार को जब प्रोड्यूसर ऑफिस पहुंचे तो बोर्ड के नए अध्यक्ष प्रसून जोशी जो कि इन सर्टिफिकेट्स को जारी करने वाले थे, गायब मिले। ऐसे में बरेली की बर्फी के प्रोड्यूसर दुविधा में पड़ गए, क्योंकि फिल्म की रिलीज डेट इसी शुक्रवार की है।

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निहलानी ने की मदद

प्रोड्यूसर ने तुरंत बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी से संपर्क किया। उन्होंने प्रोड्यूसर की मदद की। यदि सर्टिफिकेट अटक जाता तो बरेली की बर्फी का इस शुक्रवार को रिलीज होना मुश्क‍िल था।

वहीं, प्रसून जोशी का कहना है कि वे काम शुरू करने से पहले अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझना चाहते हैं। वे किसी जल्दबाजी नहीं करना चाहते।

विवाद की वजह

बता दें, फिल्मों पर लगातार हो रहे विवाद के बाद सरकार ने पहलाज निहलानी को हटाकर प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। निहलानी का हालिया विवाद शाहरुख खान की फिल्म जब हैरी मेट सेजल में से इंटरकोर्स शब्द हटाने को लेकर हुआ। फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज में लगाए पचास से ज्यादा कट भी विवाद की वजह बने।

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