CBI Vs CBI: 5 दिसंबर को होगी सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट को आज ये तय करना है कि छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा वापस ड्यूटी पर लौटेंगे या आगे भी उन्हें अभी जांच का और सामना करना होगा।

Update:2018-11-29 13:33 IST

नई दिल्ली: छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई को बुद्धवार(5दिसंबर) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है।

आलोक वर्मा के वकील ने कोर्ट के अंदर कमेटी की सहमति बिना उन्हें पद से हटाने को गलत ठहराया है। आज 2 बजे के बाद दोबारा से इस मामले पर सुनवाई शुरू होगी।

सुप्रीम कोर्ट को आज ये तय करना है कि छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा वापस ड्यूटी पर लौटेंगे या आगे भी उन्हें अभी जांच का और सामना करना होगा।

भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच के बाद सीलबंद लिफाफे में वर्मा ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया था। बेंच वर्मा के सीलबंद लिफ़ाफ़े में दिए जवाब पर भी आज विचार कर सकती है।

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बता दें कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर केन्द्रीय सतर्कता आयोग की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले, सोमवार को आलोक वर्मा से कहा था कि वह सीवीसी की रिपोर्ट पर आज ही सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल करें। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इस मामले की सुनवाई के निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया जायेगा।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वर्मा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने जवाब दाखिल करने के लिये सोमवार की सुबह जब थोड़ा वक्त देने का अनुरोध किया तो न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई का कार्यक्रम स्थगित करने से इनकार कर दिया।

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Alok Verma Case in Supreme Court LIve Updates:

-नरीमन फली - सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और नेता प्रतिपक्ष करते हैं। दो साल का कार्यकाल नियम के मुताबिक है। कानून खुद कहता है कि सीबीआई निदेशक इस तरह ट्रांसफर नहीं होगा। आलोक वर्मा को कमेटी ने चुना था। उसकी मंजूरी जरूरी है। कानून में कहीं नहीं है कि इस तरह Exile में भेजा जाए।

-नरीमन ने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया बताई: कमेटी तय करती है। इसमे प्रधानमंत्री, cji और विपक्ष के नेता भी होते हैं। विपक्ष के नेता ना हों तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को सदस्य बनाया जाय।

ना ही कानून में निदेशक की शक्तियों को हल्का करने का प्रावधान हैं। अगर इस दौरान आसाधारण हालात में सीबीआई निदेशक का ट्रांसफर किया जाना है तो कमेटी की अनुमति लेनी होगी।

- नरीमन फली - CBI निदेशक को कमेटी ही नियुक्त कर सकती है, कमेटी की सिफारिश पर ही नियुक्त किया जाता है।

-नरीमन फली ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सुनवाई पर आने से पहले दाखिल याचिका छापी जा सकती है। उस पर प्रतिबंध नहीं है। तो इस पर CJI ने कहा कि हम इस पर कोई आदेश जारी नहीं कर रहे हैं।

-फली नरीमन ने कहा- एक मामला कोर्ट में दाखिल हुआ हो और सुनवाई के लिए नहीं आया हो तो क्या छपने पर कार्रवाई हो सकती है?

सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी की रिपोर्ट लीक होने पर टाल दी थी सुनवाई

पिछली सुनवाई में सीवीसी की रिपोर्ट पर सीबीआई चीफ आलोक वर्मा के जवाब के कुछ अंश लीक होने पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए टाल दी थी।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन से कहा कि हम ये रिपोर्ट आपको वर्मा के वकील के तौर पर नहीं वरिष्ठ वकील के तौर पर दी थी ये पेपर बाहर कैसे आ गए।

इस पर वकील ने जानकारी न होने की बात कही और कहा कि रिपोर्ट लीक करने वालों को कोर्ट में हाजिर कराया जाना चाहिए. इस जवाब से गुस्साए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आप में से कोई सुनवाई के लायक नहीं है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि संस्थानों का सम्मान और उनकी मर्यादा बनी रहनी चाहिए। इस पर नरीमन ने कहा कि मैं पिछली सदी से कोर्ट में हूं। 67 साल हो गए हैं मुझे कोर्ट में। लेकिन ऐसी घटना कभी नहीं हुई। इतना अपसेट कभी नहीं हुआ।

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि मै आपको कोई कागज़ दूं और मेरा स्टाफ बीच में ही उड़ा ले? कोर्ट ने यह भी कहा कि कल जो जवाब आया वो लिफाफा भी नरीमन को लौटा दिया।

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कोई प्लेटफार्म नहीं है जहां कोई भी आकर कुछ भी कह जाय। कोर्ट की कार्यक्षमता और सम्मान भी दांव पर है। इसलिए अब 29 को ही अगली सुनवाई होगी।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलोँ में सर्वोच्च गोपनीयता बरती जानी चाहिए। कोर्ट ने सख्त अंदाज़ और लहजे में नरीमन को एमके सिन्हा की अर्ज़ी और मीडिया रिपोर्ट की प्रति लौटा दी।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कोर्ट स्टाफ को भी फटकार लगाई कि इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट को कोर्ट के सामने क्यों नहीं रखा गया। चीफ जस्टिस ने कहा गुस्से में स्टाफ को भी फटकार लगाई. चीफ जस्टिस ने गुस्से में कहा कि कोर्ट नंबर एक की क्षमता उच्च स्तर की है।

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