Gambia children Death: गाम्बिया में बच्चों की मौतों के लिए सीडीसी ने भी भारत के सिरप को दोषी ठहराया

Gambia children Death: पिछले साल, गाम्बिया में जून और नवंबर के बीच 80 बच्चों के एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-03-04 09:47 IST

India cough syrup (photo: social media )

Gambia children Death: गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत के लिए अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल (सीडीसी) ने भी भारत में बने सिरप को दोषी पाया है।

गाम्बिया नेशनल असेंबली की एक चयन समिति ने निष्कर्ष निकाला था कि तीव्र गुर्दे की चोट (एक्यूट किडनी इंजरी) के कारण 70 बच्चों की मौत भारत के मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाए गए चार दूषित सिरप के सेवन से जुड़ी हुई थी। इसके कई हफ्तों बाद अब यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दूषित सिरप के कारण ही एक्यूट किडनी इंजरी हुई और बच्चों की मौत हो गई। पिछले साल, गाम्बिया में जून और नवंबर के बीच 80 बच्चों के एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी। इनमें से 70 की मौत हो गई।

सीडीसी की रिपोर्ट

सीडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि - इस जांच से पक्के तौर पर पता चलता है कि गाम्बिया में आयातित डीईजी (डायथिलीन ग्लाइकॉल) या ईजी (एथिलीन ग्लाइकॉल) से दूषित दवाएं बच्चों के बीच एक्यूट किडनी इंजरी का कारण बनीं।

गाम्बिया के कहने पर हुई जांच

गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुरोध पर सीडीसी के वैज्ञानिकों ने इस मामले की जांच की थी। सीडीसी रिपोर्ट बच्चों के मेडिकल रिकॉर्ड और एक्यूट किडनी इंजरी से मरने वाले कुछ लोगों की देखभाल करने वालों के साक्षात्कार पर आधारित है। एकत्र की गई जानकारी के अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ के माध्यम से दवाओं का पहले किया गया परीक्षण भी एकेआई मामलों के समूह के कारण का समर्थन करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि

विषाक्तता के समर्थन में देश में मामलों का व्यापक भौगोलिक वितरण, कई रोगियों द्वारा उपयोग की जाने वाली दवाओं का एक कॉमन दवा निर्माता, और इंट्राहाउसहोल्ड प्रसार की कम दर शामिल है। सीडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विषाक्तता केवल बच्चों को प्रभावित करती है, ये इसलिए मुमकिन है क्योंकि गाम्बिया में बच्चों के लिए सिरप के रूप में दवाओं का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।

डब्लूएचओ ने किया था सतर्क

पिछले अक्टूबर में डब्लूएचओ ने हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित चार सिरप के लिए एक अलर्ट जारी किया था। ये अलर्ट एकेआई और मौतों से इन सिरप के संबंध के बारे में था। बाद में द गाम्बिया नेशनल असेंबली में एक रिपोर्ट में कहा गया कि - प्रवर समिति आश्वस्त है कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दोषी है और उसे दूषित दवाओं के निर्यात के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जो कम से कम 70 बच्चों की मौत से जुड़ी थीं।

लेकिन मेडेन फार्मास्यूटिकल ने इन आरोपों से इनकार किया। बाद में सोनीपत में इसकी निर्माण इकाई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा बंद कर दी गई थी। भारत ने कहा कि मौतों और भारतीय सिरप के बीच संबंध स्थापित करने के लिए गाम्बिया या डब्ल्यूएचओ द्वारा पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं कराए गए। दवा के नमूने भारतीय दवा नियामक द्वारा मानक गुणवत्ता वाले पाए गए थे।

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