Ban on PFI: टेरर फंडिंग में PFI पर पांच साल का बैन, सहयोगी संगठनों पर भी कसा शिकंजा

Ban on PFI: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (Ban on PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच साल का बैन लगा दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-09-28 02:08 GMT

टेरर फंडिंग में PFI पर पांच साल का बैन: Photo- Social Media

Ban on PFI: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (Ban on PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच साल का बैन लगा दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी (Countrywide raids against PFI) की थी। इससे पहले 22 सितंबर को भी पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई की गई थी। पीएफआई से जुड़े हुए लोगों की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ के बाद पहले ही बैन लगाने की आशंका जताई जा रही थी। पीएफआई पर टेरर फंडिंग (terror funding) के जरिए देश के कई शहरों में दंगे फैलाने और हत्याओं का आरोप है।

अब गृह मंत्रालय (home Ministry) की ओर से पीएफआई पर शिकंजा कसते हुए पांच साल के बैन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

जांच एजेंसियों ने की थी देश भर में छापेमारी 

जानकार सूत्रों का कहना है कि पीएफआई मौजूदा समय में देश के 15 राज्यों में सक्रिय है। एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई के खिलाफ का पूरी तरह शिकंजा कस दिया है। इसी कड़ी में 22 और 27 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी में सैकड़ों लोगों को पकड़ा गया था। पहले राउंड की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार किए गए थे। एनआईए ने इन लोगों से गहन पूछताछ की थी। 

मंगलवार को की गई कार्रवाई में 7 राज्यों से पीएफआई से जुड़े 247 लोग पकड़े गए थे। जानकारों के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। इसी कारण जांच एजेंसियों की ओर से पीएफआई पर बैन लगाने की सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश पर बड़ा फैसला लेते हुए गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। 

सहयोगी संगठनों पर भी कसा शिकंजा 

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी शिकंजा कस दिया गया है। सहयोगी संगठनों के खिलाफ भी बैन की कार्रवाई की गई है।

पीएफआई गैरकानूनी घोषित 

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में पीएफआई को पूरी तरह गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद पीएफआई की ओर से अब किसी भी प्रकार की गतिविधि का संचालन नहीं किया जा सकता। इस संगठन का अपना न कोई दफ्तर होगा और न संगठन किसी भी प्रकार का सदस्यता अभियान चला सकता है। संगठन की ओर से कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता। संगठन कहीं से भी कोई फंडिंग भी हासिल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार की ओर से दिखाई गई सख्ती के बाद यह बड़ा कदम उठाया गया है।

पीएफआई का गुप्त एजेंडा 

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन सार्वजनिक तौर पर एक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संगठन के रूप में काम करते हैं मगर इनका गुप्त एजेंडा है। इस गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टरपंथ की आग में झोंकने का काम किया जा रहा है जिससे लोकतंत्र की अवधारणा कमजोर हो रही है। देश के संवैधानिक ढांचे के प्रति भी इन संगठनों में सम्मान की कोई भावना नहीं है। 

देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा 

नोटिफिकेशन के मुताबिक पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। इससे देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा हो रहा है। इन संगठनों की गतिविधियों से देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई है। इसके साथ ही देश भर में उग्रवाद को बढ़ावा मिल रहा है। नोटिफिकेशन में पीएफआई और सिमी व जमात उल मुजाहिदीन के लिंक का भी जिक्र किया गया है। इसके साथ ही पीएफआई का अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस के साथ भी लिंक है। 

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