चंद्रयान-2 सही सलामत: अभी-अभी इसरो से आई ये बड़ी खबर
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने देश के लिए खुशी की खबर दी है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। बता दें कि इससे पहले इसरो के विश्वस्त सूत्रों का कहना था कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम इसमें वो टेक्नोलॉजी है कि वह गिरने के बाद भी खुद को खड़ा कर सकता है।
नई दिल्ली : इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने देश के लिए खुशी की खबर दी है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। बता दें कि इससे पहले इसरो के विश्वस्त सूत्रों का कहना था कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम इसमें वो टेक्नोलॉजी है कि वह गिरने के बाद भी खुद को खड़ा कर सकता है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि उसके कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क हो जाए और उसे कमांड रिसीव हो सके।
इसके साथ ही मीडिया से बातचीत करते हुए इसरो चीफ सिवन ने बताया था कि हां, हमने चांद की सतह पर लैंडर को खोज लिया है। और लैंडर विक्रम चांद की सतह पर तेजी से गिरा होगा।
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इससे पहले था ये डर
क्या तेजी से चांद से टकराने की वजह से लैंडर को कोई नुकसान पहुंचा है। इस सवाल पर सिवन ने कहा है कि वे अभी इस बात को नहीं जानते हैं। प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही इसका पता चले।
इसके साथ ही कुछ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि लैंडर ने अपनी एक निर्धारित गति से चांद पर लैंडिंग न की हो या उसने चारों पैरों पर लैंडिंग न की हो। जिसके चलते उसे झटका लगा हो और नुकसान पहुंचा हो।
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लैंडर के अंदर है रोवर ‘प्रज्ञान’…
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि रोवर प्रज्ञान अभी भी लैंडर के अंदर है। यह बात चंद्रयान-2 के ऑनबोर्ड कैमरे के जरिए खींची गई लैंडर की तस्वीर को देखकर पता चलती है।
साथ ही इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर जो कि पूरी तरह से सुरक्षित है और सही तरह से काम कर रहा है। वह चंद्रमा के चक्कर लगातार लगा रहा है।
इसरो ने लगातार की कोशिश तब मिली जीत
इसरो लगातार इस एंटीना से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है। इसरो की तरफ से एंटीना को सिग्नल भेजे जा रहे हैं और ये कोशिश की जा रही है कि लैंडर कमांड लेकर अपने पैरों पर खड़ा हो जाये। अगर ऐसा हो जाता है तो चंद्रयान 2 मिशन सफल हो जाएगा।
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इसरो के सूत्रों का कहना है कि अभी किसी तरीके से एंटीना को कमांड पकड़ना है। अगर धरती से उसे सीधे या ऑर्बिटर के जरिए सिग्नल रिसीव हो जाते हैं तो उसका थ्रस्टर्स ऑन हो सकता है। थ्रस्टर्स के ऑन होते ही विक्रम एक तरफ से अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है। ऐसा होने पर इसरो इस मिशन को सफल कर सकता है और वह सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है, जोकि चंद्रयान-2 के जरिये वैज्ञानिक पाना चाहते हैं।